समान नागरिक संहिता पर प्रशांत किशोर बोले- केंद्र सरकार को मुस्लिमों का विश्वास जीतना जरूरी
बिहार में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने से पहले मुस्लिम समाज में विश्वास पैदा करना जरूरी बताया है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से कहा, "जब तक मुस्लिम आबादी, जो देश की आबादी का 20 प्रतिशत है, उसे विश्वास में नहीं लिया जाता, तब तक कानून में बदलाव नहीं किया जा सकता। जैसा कि हमने CAA-NRC के मामले में देखा, पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे।"
आगे क्या बोले प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने कहा, "सरकार चाहे जिस किसी की भी हो, कानून आप जो भी बनाते हैं। उस कानून से जो लोग प्रभावित हो रहे हैं, अगर आप उनको विश्वास में नहीं लेंगे, तब तक आप उस कानून को लागू नहीं करा पाएंगे। किसानों को लेकर कानून बनाए गए, लेकिन जब किसानों को विश्वास में लेकर कानून बना दिया गया, तो बाद में कानून वापस लेना पड़ा। वह कोई हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं था।"
सुनिए, क्या बोले प्रशांत किशोर
क्या है समान नागरिक संहिता?
UCC का मतलब है, देश के सभी वर्गों पर एक समान कानून लागू होना। अभी देश में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर सभी धर्मों के अपने अलग-अलग निजी कानून हैं और वे उन्हीं के मुताबिक चलते हैं। UCC लागू होने पर सभी धर्मों के लोगों को इन मुद्दों पर भी एक जैसे कानून का पालन करना होगा। यह महज एक अवधारणा है और विस्तार में इसका रूप कैसा होगा, इस पर कुछ तय नहीं है।