उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के बाद अब मुहर्रम का जुलूस निकालने पर लगी रोक
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के बाद अब मुहर्रम पर जुलूस और ताजिए निकालने पर भी रोक लगा दी है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल ने सभी पुलिस कमिश्नर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को गोपनीय पत्र लिखकर मुहर्रम पर किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं होने देने के निर्देश दिए हैं।
पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश सरका ने लगाई थी कांवड़ यात्रा पर रोक
बता दें कि पिछले महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ कावड़ यात्रा निकालने की अनुमति जारी की थी।
मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों का स्वास्थ्य और जीवन सर्वोपरि है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा पर पूर्ण रोक लगाने पर विचार करना चाहिए।
इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ संघों से यात्रा निरस्त करने की अपील करते हुए इसे रद्द कर दिया था।
रोक
DGP ने मुहर्रम के जुलूस पर लगाई रोक
DGP ने अपने पत्र में कहा कि 10 से 19 अगस्त तक मनाए जाने वाले मुहर्रम में किसी भी प्रकार का जुलूस (ताजिए) निकालने पर रोक रहेगी।
इसी तरह उन्होंने पुलिस अधिकारियों को असामाजिक और सांप्रदायिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने, विवाद की संभावना वाले स्थानों पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा द्वारा पैनी नजर रखने तथा अति संदेवदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बंदोबस्त किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
जानकारी
मौलवियों को दी जाए सरकार के आदेशों की जानकारी
DGP ने सभी पुलिस अधिकारियों को सभी मौलवी, शांति समिति के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नागरिकों से वार्ता कर उन्हें कोरोना महामारी से बचाव के लिए धार्मिक आयोजनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के निर्देशों की जानकारी देने के भी निर्देश दिए हैं।
मुहर्रम
10 अगस्त से शुरू होगा मुहर्रम
बता दें कि मुहर्रम एक इस्लामी महीना है और इससे इस्लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है। 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैं।
मान्यता है कि इस महीने की 10 तारीख को पैगंबर मुहम्मद के पोते हुसैन इब्न अली या इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा कहते हैं।
इस दिन जुलूस निकालकर हुसैन की शहादत को याद किया जाता और रोजा रखने की परंपरा है।
विरोध
मौलवियों ने मुहर्रम को 'त्योहार' संबोधित करने पर जताई आपत्ति
इधर, वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने DGP के आदेश में मुहर्रम को त्योहार मनाने पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा यह मुस्लिमों के लिए त्योहार नहीं बल्कि शोक का समय होता है। उन्होंने कहा यदि भाषा को नहीं बदला जाता है तो मुहर्रम की कमेटियां पुलिस की तैयारियों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी।इस गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
उन्होंने गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदलने की मांग की है।