असम में जनसंख्या नियंत्रण के लिए बनाई जाएगी 'जनसंख्या सेना', मुस्लिम बहुल इलाके में बांटेगी गर्भनिरोधक
क्या है खबर?
असम सरकार ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बड़ी तैयारी की है। इसके तहत राज्य में 'जनसंख्या सेना' का गठन किया जाएगा। इसमें राज्य के युवाओं को शामिल किया जाएगा।
यह सेना मुस्लिम बहुल इलाकों में गर्भनिरोधक वितरित करने और जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरूकता पैदा करने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को राज्य विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण की योजना पर बोलते हुए यह जानकारी दी है।
बयान
"मुसलमानों के बीच आर्थिक असमानता और गरीबी का मूल कारण है जनसंख्या विस्फोट"
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, मुख्यमंत्री सरमा ने विधानसभा में कहा, "जनसंख्या विस्फोट राज्य में अल्पसंख्यक मुसलमानों के बीच आर्थिक असमानता और गरीबी का मूल कारण है। ऐसे में मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या को नियंत्रित करना जरूरी है।"
उन्होंने आगे कहा, "राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए 1,000 युवाओं की जनसंख्या सेना को निचले असम के इलाकों में भेजा जाएगा और यह सेना मुस्लिम समुदाय के लोगों में गर्भनिरोधक वितरित करेगी।"
जागरुकता
जागरुकता के लिए आशा कार्यकर्ताओं की भी ली जाएगी मदद- सरमा
मुख्यमंत्री सरमा ने कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद की ओर से अल्पसंख्यक 'चार-चपोरिस' के मुस्लिमों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर शुरू की गई चर्चा में कहा कि जागरूकता पैदा करने और गर्भ निरोधकों की आपूर्ति के लिए चार-चापोरिस के लगभग 1,000 युवाओं को लगाया जाएगा।
इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं का एक अलग कार्यबल बनाने की भी योजना बना रहे हैं, जिन्हें जागरूकता और गर्भ निरोधकों की आपूर्ति का काम सौंपा जाएगा।
जानकारी
बाल विवाह रोकने के लिए उठाए जाएंगे कदम
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा सरकार बाल विवाह रोकने के लिए लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है। अब तक लड़कियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार के उपाय शुरू किए गए हैं और अब स्वास्थ्य सुविधाओं सहि अन्य उपाय किए जाएंगे।
इजाफा
इस तरह से बढ़ी असम की आबादी
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार राज्य में मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि 29 प्रतिशत रही है, जबकि हिंदुओं में यह महज 10 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि कम आबादी के कारण असम में हिंदुओं की लाइफस्टाइल बेहतर हुई है, उनके पास विशाल घर और वाहन हैं और उनके बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बन रहे हैं।
बता दें असम की 3.12 करोड़ की आबादी में मुसलमानों की संख्या 34.22 प्रतिशत है और वो कई जिलों में बहुसंख्यक हैं।
प्रस्ताव
कांग्रेस ने रखा जनसंख्या वृद्धि दर कम करने का प्रस्ताव
मुसलमानों के बीच जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने शैक्षिक संस्थानों की स्थापना, बाल विवाह रोकने, स्वास्थ्य और संचार सेवाओं में सुधार, जनसंख्या प्रतिनिधित्व के आधार पर सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने जैसे उपायों का प्रस्ताव रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को नौकरियों से संबंधित प्रस्तावों को छोड़कर अन्य प्रस्तावों पर कोई आपत्ति नहीं है। नौकरी योग्यता के आधार पर मिलनी चाहिए।