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तमिलनाडु में एमके स्टालिन का बड़ा कदम, विधानसभा में राज्य स्वायत्तता के लिए प्रस्ताव पेश किया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य की स्वायत्तता के लिए प्रस्ताव पेश किया

तमिलनाडु में एमके स्टालिन का बड़ा कदम, विधानसभा में राज्य स्वायत्तता के लिए प्रस्ताव पेश किया

लेखन गजेंद्र
Apr 15, 2025
01:21 pm

क्या है खबर?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार के साथ चल रहे टकराव के बीच बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में राज्य की स्वायत्तता के लिए प्रस्ताव पेश किया है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख स्टालिन ने मंगलवार को स्वायत्तता के लिए उपायों की सिफारिश के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठित की है। समिति को जनवरी 2026 को अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करनी होगी।

समिति

स्टालिन ने विधानसभा में क्या कहा?

मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में नियम 110 के तहत घोषणा कर कहा कि यह कदम राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र के साथ राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने बताया कि समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे। समिति को विस्तृत सिफारिशों के साथ अंतिम रिपोर्ट 2 साल में पेश करनी होगी। स्टालिन ने घोषणा करते हुए नीट परीक्षा, नई शिक्षा नीति और GST मुद्दा भी उठाया।

नियम

क्या कहता है तमिलनाडु विधानसभा का नियम 110?

तमिलनाडु विधानसभा के नियम 110 के तहत, मुख्यमंत्री या मंत्री को तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष को जवाब देने या अपनी राय देने का कोई अधिकार दिए बिना बयान देने या घोषणा करने की अनुमति है। यह नियम शुरू में ही विपक्ष को आपत्ति जताने से रोकता है। स्टालिन ने कहा कि समिति को शासन और नीति-निर्माण के उन विषय को दोबारा प्राप्त करने के तरीके सुझाने की जिम्मेदारी मिली है, जो राज्य सरकार के एकमात्र अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

विवाद

तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच चल रहा है टकराव

तमिलनाडु की DMK और भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच काफी समय से टकराव है। दरअसल, केंद्र नई शिक्षा नीति के जरिए तमिलनाडु पर तीन भाषा नीति को लागू करना चाहती है, जिसमें तमिल और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को बढ़ावा मिल सके। तमिलनाडु सरकार इसका विरोध कर रही है, जिसके कारण केंद्र पर फंड रोकने का आरोप है। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि भी 10 विधेयकों को रोके थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।