
योगी के मंत्री संजय निषाद बोले- जिन लोगों को हिंदी से ऐतराज, वो देश छोड़ दें
क्या है खबर?
देश में हिंदी भाषा को लेकर विवाद जारी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री डॉ संजय निषाद ने कहा कि जिन लोगों को हिंदी से ऐतराज है, उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान उन लोगों के लिए जगह नहीं है जो हिंदी नहीं बोलते। उन्हें इस देश को छोड़कर कहीं और जाना चाहिए।"
कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था अलग-अलग राज्यों के लोगों को हिंदी में बात करनी चाहिए।
बयान
क्या है निषाद का पूरा बयान?
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, निषाद ने कहा, "जो भारत में रहना चाहते हैं उन्हें हिंदी से प्यार करना होगा। अगर आपको हिंदी पसंद नहीं है तो यह मान लिया जाएगा कि आप विदेशी हैं या विदेशी शक्तियों से जुड़े हुए हैं। हम क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन यह देश एक है और भारत का संविधान कहता है कि भारत 'हिंदुस्तान' है, जिसका मतलब हिंदी बोलने वालों के लिए जगह है।"
बयान
"सभी भाषाओं के प्रति सम्मान, लेकिन हिंदी राष्ट्रभाषा"
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा, "मेरे मन में सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान है लेकिन हिंदी कानून के अनुसार राष्ट्रभाषा है। कानून का उल्लंघन करने वाले को सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। चाहे वह कितना भी बड़ा राजनेता या शक्तिशाली क्यों न हो।"
उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग हिंदी का विरोध कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।
परिचय
कौन हैं संजय निषाद?
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हैं। राजनीति में आने से पहले वो इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लिनिक चलाते थे और इस विधि को मान्यता दिलाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।
सपा सरकार के दौरान निषाद आरक्षण के मामले पर संजय निषाद ने प्रमुखता से आवाज उठाई थी। इसके बाद वो राजनीति में सीढ़ियां चढ़ते गए। उनका एक बेटा सांसद और दूसरा विधायक है।
बयान
अमित शाह ने हिंदी को लेकर क्या कहा था?
इसी महीने संसदीय राजभाषा समिति की बैठक के दौरान शाह ने कहा था कि अब राजभाषा (हिंदी) को देश की एकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने का समय आ गया है। जब राज्यों के लोग दूसरी भाषा में एक-दूसरे से बात करें तो यह भारत की भाषा होनी चाहिए।
हालांकि, उन्होंने साफ किया कि हिंदी को क्षेत्रीय भाषाओं के नहीं बल्कि इंग्लिश के विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए।
जानकारी
अजय देवगन और कुच्चा सुदीप के बीच भी हुई थी बहस
हाल ही में दक्षिण भारतीय अभिनेता किच्चा सुदीप और बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन के बीच हिंदी भाषा को लेकर बहस हुई थी। दरअसल, सुदीप ने कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है।
इस पर अजय देवगन ने पूछा कि आपके अनुसार अगर हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज़ करते हैं? हिंदी मातृभाषा और राष्ट्र भाषा थी, है और हमेशा रहेगी।
इस बयान को लेकर अजय की आलोचना हुई थी।
हिंदी भाषा
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
आम बोलचाल में अक्सर हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा बताया जाता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर ये पूरी तरह से सही नहीं है।
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप की मानें तो देश की कोई एक राष्ट्रभाषा नहीं है, बल्कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाएं राष्ट्रभाषा है।
आजादी के बाद शुरूआत में हिंदी को एकमात्र राष्ट्रभाषा बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन दक्षिणी राज्यों के विरोध के कारण ये प्रयास विफल रहा।