अमित शाह ने उत्तराखंड में हवाई सर्वेक्षण किया, कहा- बारिश से हुई 64 लोगों की मौत
उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इसके कारण राज्य में अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है और 11 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए हुए नुकसान का जायजा लिया। सर्वे के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के तालमेल से नुकसान पर काबू पाने में मदद मिली है।
बारिश ने कुमाऊं क्षेत्र में सबसे अधिक तबाही मचाई
बता दें कि उत्तराखंड में पिछले चार दिन से बारिश कहर बरपा रही है और इसका सबसे ज्यादा असर कुमाऊं इलाके पर पड़ा है। राज्य के नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है और वहां अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल में 30 से अधिक लोगों की जान गई है। कई इलाके अभी भी शहरी क्षेत्रों से पूरी तरह कटे हुए हैं।
अमित शाह ने हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया
उत्तराखंड में बिगड़े हालातों के बीच शाह गुरुवार सुबह उत्तराखंड पहुंचे। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत के साथ GTC हेलीपैड से हेलीकॉप्टर में सवार होकर प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने करीब दो घंटे तक पूरे इलाकों का सर्वे किया और उसके बाद अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की।
समय पर बारिश की चेतावनी के कारण नुकसान को नियंत्रित किया- शाह
हवाई सर्वे और अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद शाह ने कहा, "मैंने हवाई सर्वेक्षण के बाद उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को लेकर राज्य और केंद्र के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की है। समय पर बारिश की चेतावनी के कारण नुकसान की सीमा को नियंत्रित किया जा सका है।" उन्होंने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों की सतर्कता के कारण भी नुकसान पर काबू पाने में बड़ी मदद मिली है।"
"बारिश और बाढ़ के कारण हुई 64 लोगों की मौत"
शाह ने कहा, "उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 64 दुर्भाग्यपूर्ण मौतें हुई है, जबकि 11 से अधिक लोग लापता हैं। अब तक 3,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है और 16,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।" उन्होंने कहा, "भारी बारिश की चेतावनी पहले ही जारी कर दी गई थी, जिससे चारधाम यात्रा को रोकने जैसे आवश्यक कदम उठाने में मदद मिली। नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता था।"
यहां देखें अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो
बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं टीमें- शाह
शाह ने कहा, "राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 17, SDRF की सात, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) की 15 कंपनियों सहित 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई है।" उन्होंने कहा, "अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। यही कारण है कि चारधाम यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया है। नैनीताल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में सड़कों को साफ कर दिया गया है।"
राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क बहाल हुआ- शाह
शाह ने कहा कि पावर स्टेशन भी जल्द ही परिचालन शुरू कर देंगे। राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क बहाल कर दिया गया है। 60 प्रतिशत इलाकों में बिजली बहाल हो गई है और रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम भी शुरू है।
"राहत पैकेज की घोषणा के लिए नुकसान के विस्तृत आंकलन की जरूरत"
शाह ने राज्य के लिए राहत पैकेज की घोषणा के सवाल पर कहा, "किसी तत्काल राहत पैकेज की घोषणा करने से पहले नुकसान का विस्तृत अनुमान तैयार करने की जरूरत है। राज्य की प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आने को देखते हुए करीब एक महीने पहले 250 करोड़ रुपये की राशि भेजी गई थी और यह वर्तमान में चल रहे राहत और बचाव उपायों का ध्यान रख सकती है।" उन्होंने कहा, "राहत पैकेज पर आंकलन के बाद निर्णय किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री धामी ने मृतकों को परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी क्षेत्र का हवाई सर्वे कर हुए नुकसान का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये, बाढ़ से घर खोने वालों को 1.90-1.90 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।