पटियाला सेंट्रल जेल में नवजोत सिंह सिद्धू को कैसे भुगतना होगा सश्रम कारावास?
क्या है खबर?
रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक साल के सश्रम कारावास की सजा पाने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के शुक्रवार को पंंजाब के पटियाला कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पुलिस ने देर शाम उन्हें सेंट्रल जेल पहुंचा दिया।
जेल प्रशासन ने उन्हें कैदी संख्या 2,41,383 आवंटित कर बैरक नंबर सात में रखा है। इसके साथ ही सिद्धू की सजा शुरू हो गई है।
आइये जानते हैं सिद्धू को जेल में कैसे भुगतना होगा सश्रम कारावास?
मजदूरी
क्या आम कैदियों की तरह सिद्धू को भी करना पड़ेगा काम?
बीकानेर सेंट्रल जेल के अधीक्षक आर अनंतेश्वर ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि कानून में सभी को समान दर्जा दिया है और सजा भी समान रूप से भुगतनी होती है। यदि कोर्ट ने सश्रम कारावास दिया है तो सभी को जेल में काम करना होता है। ऐसे में सिद्धू को भी काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि बड़ी हस्तियों को किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलती है और उनसे भी सामान्य कैदियों की तरह ही बर्ताव किया जाता है।
काम
जेल में सिद्धू को क्या-क्या काम करना पड़ेगा?
अनंतेश्वर ने बताया कि सभी राज्यों की जेलों में कई तरह के उद्योग संचालित होते हैं। इनमें फर्नीचर, कूलर, लोहे का सामान, जूट की रस्सी बनाने जैसे अन्य कठोर काम किए जाते हैं। सश्रम कारावास वाले कैदियों से यह काम कराया जाता है। ऐसे में सिद्धू को भी ऐसा ही कोई काम करना होगा। हालांकि, काम के बदले सरकार मजदूरी का भी भुगतान करती है।
उन्होंने बताया कि भुगतान अकुशल, अर्द्धकुशल और कुशल श्रमिक श्रेणी के आधार पर होता है।
सुविधा
क्या सिद्धू को जेल में विशेष सुविधाएं मिलेंगी?
अनंतेश्वर ने बताया कि जेल में सभी कैदियों को समान सविधा का प्रावधान है। ऐसे में सिद्धू को भी सामान्य कैदियों की तरह ही जीवन बिताना होगा। इसमें खाना, पीना, बिस्तर सहित अन्य सभी सुविधाएं समान होती है। हालांकि, कोर्ट के आदेश पर कोई भी कैदी बाहर या घर का खाना मंगवा सकता है।
उन्होंने बताया कि जेलों में बड़ी हस्तियों को भी सामान्य कैदियों के साथ रहना होता है और उन्हें पलंग या गद्दे जैसे सुविधा नहीं मिलती है।
जानकारी
बीमार होने पर ही मिलता है पलंग
अनंतेश्वर ने बताया कि जेलों में कैदियों को सोने के लिए पलंग नहीं मिलता, लेकिन यदि कोई कैदी बीमार होता है तो उपचार अवधि के दौरान उसे वार्ड में पलंग उपलब्ध कराया जाता है। यह नियम सभी कैदियों और बंदियों के लिए लागू होता है।
दिनचर्या
जेल में कैसी रहेगी सिद्धू की दिनचर्या?
अनंतेश्वर ने बताया कि जेलों में सुबह 6 बजे तक कैदी उठ जाते हैं और 7 बजे तक उन्हें चाय-नाश्ता दिया जाता है।
इसके बाद 08:30 बजे तक उन्हें चपाती और सब्जी देकर आवंटित काम के लिए भेजा जाता है। दिनभर काम करने के बाद शाम 05:30 बजे वह बैरक के बाहर एकत्र होते हैं। शाम 6 बजे रात का खाना देकर फिर से बैरक में बंद किया जाता है।
उन्होंने बताया कि सिद्धू की दिनचर्या भी ऐसी रही रहेगी।
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनाई थी सिद्धू को एक साल की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने गत गुरुवार को 1988 में पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत से जुड़े रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
दरअसल, वारदात के समय सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू ने सड़क के बीच में अपनी जिप्सी खड़ी कर रखी थी और गुरनाम सिंह ने उनसे साइड मांगी थी। इस पर सिद्धू ने मारपीट कर दी थी। इससे सिंह को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई।
दोषी
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को माना था दोषी
इस मामले में पटियाला सेशन कोर्ट ने सितंबर, 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पीड़ित परिवार पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया।
साल 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।
मई, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सिद्धू को दोषी मानते हुए 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन गैर इरादतन हत्या के आरोप से बरी कर दिया।
जानकारी
पीड़ित परिवार ने दायर की थी पुनर्विचार याचिका
सुप्रीम कोर्ट के जुर्माना लगाकर छोड़ने पर पीड़ित परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर कर सजा बढ़ाने की मांग की थी। सितंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया और अब सजा को बढ़ाकर एक साल सश्रम कारावास कर दिया।
सरेंडर
सिद्धू ने शुक्रवार को किया था सरेंडर
सिद्धू ने शुक्रवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सरेंडर के लिए चार से छह सप्ताह का समय मांगा था।
सिद्धू के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह पुराना मामला है और स्वास्थ्य को लेकर कुछ दिक्कतें हैं। इसलिए कुछ हफ्तों का वक्त चाहिए, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली।
इसके बाद शाम 4 बजे उन्होंने पटियाल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहां उनकी मेडिकल जांच करने के बाद शाम को जेल भेज दिया गया था।