
सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को सुनाई एक साल की सजा, 34 साल पुराना है मामला
क्या है खबर?
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के एक रोड रेज के मामले में उन्हें यह सजा सुनाई है। सजा काटने के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। इस फैसले को नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला 1988 में पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू ने सड़क के बीच में अपनी जिप्सी खड़ी कर रखी थी। इसी दौरान वहां पहुंचे 65 वर्षीय गुरनाम सिंह ने उन्हें साइड देने को कहा। इसके बाद सिद्धू ने सिंह के साथ मारपीट की थी। बताया जा रहा है कि पिटाई के बाद सिंह को हार्ट अटैक आया था, जिसमें उनकी मौत हो गई।
जानकारी
सेशन कोर्ट से बरी हुए थे सिद्धू
पटियाला सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए सितंबर, 1999 में सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। पीड़ित परिवार ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लगभग सात साल बाद 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को इस मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने माना दोषी
मई, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को दोषी मानते हुए उन पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, उन्हें गैर इरादतन हत्या के आरोप से बरी कर दिया था।
इसके बाद पीड़ित परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर कर सिद्धू की सजा बढ़ाने की मांग की थी।
सितंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया, लेकिन कहा कि वह सिर्फ सजा बढ़ाने पर पुनर्विचार कर सकता है।
जानकारी
मार्च में सुरक्षित रखा था फैसला
इसी साल 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की सजा बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान सिद्धू के वकील ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें जेल भेजकर सजा न दी जाए। इसके लिए उन्होंने सिद्धू के विवादहीन राजनीतिक और खेल करियर आदि को देखते हुए नरम रुख अपनाने की गुजारिश की थी।
आज इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा दी है।
नवजोत सिंह सिद्धू
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
एक समय पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की रेस में आगे चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को विधानसभा चुनाव के दौरान करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रमुख की कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी।
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में आए सिद्धू को गांधी परिवार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद पंजाब में कांग्रेस की कमान सौंपी थी, लेकिन यह फैसला काम नहीं आया।