निर्भया कांड: दोषियों की फांसी का जल्लाद पवन को है बेसब्री से इंतजार, मिलेंगे इतने पैसे
एक जल्लाद जब किसी को फांसी पर लटकाता है तो उसके दिल पर बोझ होता है, लेकिन निर्भया कांड के चारों दोषियों को 22 जनवरी को फंदे पर लटकाने वाले सिंधी राम उर्फ पवन जल्लाद के लिए ये फांसी खुशियों की सौगात लाएगी। वह और उसका पूरा परिवार फांसी के लिए मुकर्रर दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि वह फांसी के लिए मिलने वाली रकम से वह अपनी बेटी की शादी करेगा।
चारों फांसी के लिए मिलेंगे एक लाख रुपये
मेरठ के लोहिया नगर की कांशी राम कॉलोनी निवासी पवन ने बताया कि सरकार की ओर से प्रत्येक फांसी के लिए 25,000 रुपये (कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं) दिए जाते हैं। ऐसे में चारों दोषियों की फांसी के लिए उसे करीब एक लाख रुपये मिल सकते हैं। उससे वह न केवल अपनी छोटी बेटी की शादी कर पाएगा, बल्कि कर्ज चुकाने में भी मदद मिलेगी। ऐसे में वह उन चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए बेताब है।
पवन के कंधों पर है सात बच्चों की जिम्मेदारी
पवन के बताया कि उसके कंधों पर सात बच्चों की जिम्मेदारी है। इनमें पांच बेटी और दो बेटे हैं। चार बेटियों की वह शादी कर चुका है और अभी एक बेटी और दो बेटों की शादी होनी है। इसके अलावा उस पर कर्ज भी चढ़ा हुआ है। ऐसे में फांसी से मिलने वाली रकम उनकी बेटी की शादी में बड़ा सहयोग देगी। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि चारों को फांसी पर लटकाने के लिए उन्हें याद किया गया।
फांसी पर लटकाने के लिए पहली बार मिलेगी इतनी बड़ी रकम
पवन जल्लाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को फंदे पर लटकाने वाले कल्लू जल्लाद के पौते हैं। पवन की माने तो उन्होंने अपने जीवन में इससे पहले कभी फांसी के मेहतनाने के रूप में इतनी बड़ी रकम मिलते हुए न तो देखा और न ही सुना। उन्होंने बताया कि उनके परदादा लक्ष्मन भी जल्लाद ही थे। दादा कालू राम उर्फ कल्लू ने रंगा-बिल्ला को भी इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था।
फांसी देने के लिए उनके नाम की अभी नहीं हुई है आधिकारिक पुष्टि
पवन जल्लाद को फांसी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है, मेरठ के जेल अधिकारियों ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने के लिए कहा है। मेरठ जेल के अधीक्षक बीडी सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पवन को जेल आने के लिए कहा गया है। उनकी चिकित्सा जांच भी की जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी कोई पत्र नहीं मिला है, लेकिन यह पता चला है कि जल्लाद उत्तर-प्रदेश से ही होगा।
प्रतिमाह मिलते हैं 5,000 रुपये
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में दो ही आधिकारिक जल्लाद हैं। इनमें एक तो पवन है और दूसरा लखनऊ से हैं। दोनों में से ही किसी एक को फांसी के लिए बुलाया जाएगा। पवन को अभी अधिकारिक जल्लाद के रूप में सरकार से प्रतिमाह 5,000 का मेहताना मिलता है, लेकिन वह इसे 15,000 तक करने के लिए भागदौड़ कर रहा है। ऐसे में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने का मौका मिलने को लेकर वह और उसका परिवार बहुत खुश है।
सात साल पहले छह आरोपियों ने दिया था वारदात को अंजाम
करीब सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया से गैंगरेप हुआ था। आरोपियों की बर्बरता के कारण निर्भया की मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक नाबालिग अपनी सजा पूरी कर रिहा हो गया था और एक अन्य ने जेल में आत्महत्या कर ली थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने गत मंगलवार को चार अन्य मुजरिम पवन, विनय, मुकेश और अक्षय के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था।