Page Loader
हरियाणा विधानसभा ने पारित किया धर्मांतरण विरोधी विधेयक, ऐसा करने वाला चौथा राज्य
हरियाणा विधानसभा ने पारित किया धर्मांतरण विरोधी विधेयक

हरियाणा विधानसभा ने पारित किया धर्मांतरण विरोधी विधेयक, ऐसा करने वाला चौथा राज्य

Mar 22, 2022
08:02 pm

क्या है खबर?

हरियाणा विधानसभा ने मंगलवार को धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित कर दिया। हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 नामक इस विधेयक को मौजूदा बजट सत्र के दौरान 4 मार्च को विधानसभा में पेश किया गया था। कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे गैर-जरूरी बताया और उसके विधायकों ने वोटिंग से पहले सदन से वॉकआउट कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि विधेयक का मकसद किसी के साथ भेदभाव करना नहीं है।

प्रावधान

विधेयक में क्या-क्या प्रावधान हैं?

हरियाणा सरकार के इस विधेयक में गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन, अन्य किसी धोखाधड़ी या शादी के जरिए धर्म परिवर्तन को दंडित अपराध घोषित किया गया है। ऐसा करने पर एक से पांच साल की सजा और न्यूनतम एक लाख रुपये के आर्थिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। किसी नाबालिग, महिला और अनुसूचित जाति/जनजाति का धर्म परिवर्तन कराने पर चार से 10 साल की सजा और न्यूनतम तीन लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

जानकारी

अमान्य करार दी जाएंगी केवल धर्म परिवर्तन के मकसद से की गईं शादियां

विधेयक में केवल धर्म परिवर्तन के मकसद से की गई शादियों को अमान्य करार देने का प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि इसका मकसद किसी धर्म के साथ भेदभाव करना नहीं है और ये केवल जबरन धर्मांतरण की बात करता है।

विरोध

कांग्रेस नेताओं ने किया विधेयक का विरोध

विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नया कानून लाने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि मौजूदा कानूनों में पहले से ही जबरन धर्मांतरण पर सजा का प्रावधान मौजूद है। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कादियान ने कहा, '"इस विधेयक को लाने की इतनी कोई जल्दी नहीं थी। इस विधेयक से विभाजनकारी राजनीति की बू आ रही है जोकि अच्छा नहीं है।"

विरोध

कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने बताया हरियाणा के इतिहास का काला अध्याय

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे हरियाणा के इतिहास में काला अध्याय बताया है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक सांप्रदायिक बंटवारे को और बढ़ाएगा। यह विधेयक डरावना है। इसके भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जिस तरह इस विधेयक को लाया गया, हमने उस पर आपत्ति जताई है।" उन्होंने कहा कि जबरन धर्मांतरण पर सजा के प्रावधान वाले कानून पहले से ही मौजूद हैं।

अन्य राज्य

हरियाणा से पहले तीन राज्य बना चुके हैं जबरन धर्मांतरण पर कानून

बता दें कि हरियाणा जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने वाला देश का चौथा राज्य है और उससे पहले तीन राज्य ऐसा कर चुके हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं। इन सभी राज्यों में भाजपा की सरकारों ने ये कानून बनाए हैं। केंद्र की भाजपा सरकार भी धर्म परिवर्तन पर कानून की जरूरत पर जोर दे चुकी है, हालांकि वो अभी तक इस संबंध में कोई विधेयक नहीं लेकर आई है।