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हरियाणा: यौन उत्पीड़न मामले में जमानती आरोपी को बनाया गया कानून अधिकारी, पिता हैं भाजपा सांसद
विकास बराला पर IAS की बेटी का पीछा करना और अपहरण के प्रयास का आरोप है

हरियाणा: यौन उत्पीड़न मामले में जमानती आरोपी को बनाया गया कानून अधिकारी, पिता हैं भाजपा सांसद

लेखन गजेंद्र
Jul 23, 2025
10:07 am

क्या है खबर?

हरियाणा में यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद के बेटे विकास बराला को राज्य में सहायक महाधिवक्ता (AAG) के रूप में नियुक्त किया गया है। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे पर 8 साल पहले एक IAS अधिकारी की बेटी का कथित तौर पर पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने का आरोप है। यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई अभी चंडीगढ़ के कोर्ट में चल रही है और विकास फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

नियुक्ति

18 जुलाई को जारी हुई है अधिसूचना

विकास का नाम 18 जुलाई को जारी आधिकारिक अधिसूचना में है। उनको सहायक महाधिवक्ता, उप-महाधिवक्ता, वरिष्ठ उप-महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता के पदों पर सूचीबद्ध 97 नई नियुक्तियों में शामिल किया गया है। यौन उत्पीड़न का मामला 2017 का है। उस समय विकास कानून के छात्र थे। विकास को चंडीगढ़ के बुड़ैल स्थित मॉडल जेल में रखा गया था। उन्हें जनवरी 2018 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। मुकदमे की अगली सुनवाई 2 अगस्त को है।

घटना

क्या है यौन उत्पीड़न का मामला?

हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी वीएस कुंडू की बेटी वर्णिका ने 5 अगस्त, 2017 में शिकायत दर्ज कराई थी कि विकास और उसके दोस्त आशीष ने चंडीगढ़ में देर रात उनकी गाड़ी का पीछा किया और जबरन उसमें घुसने की कोशिश की। वर्णिका की शिकायत पर सेक्टर 26 में दोनों आरोपियों के खिलाफ अपहरण समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और 9 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया। उसी साल अक्टूबर में उनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

जांच

घटना के समय हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष थे सुभाष बराला

घटना के समय सुभाष हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष थे और उनकी पार्टी की राज्य में सरकार थी। उनको 2024 में राज्यसभा सांसद बनाया गया है। घटना के समय विकास कानून के छात्र थे, लिहाजा जेल में रहने के दौरान विकास को दिसंबर 2017 में हाई कोर्ट ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डिग्री परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। विकास को कानून अधिकारी नियुक्त किए जाने को पीड़िता के पिता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस ने भी इसकी आलोचना की है।