फैबिफ्लू की जमाखोरी के लिए दोषी पाई गई गौतम गंभीर की संस्था, जल्द होगी कार्रवाई
क्या है खबर?
भाजपा सांसद गौतम गंभीर की संस्था को गैरकानूनी तरीके से फैबिफ्लू खरीदने, जमा करने और वितरित करने का दोषी पाया गया है। दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर ने आज दिल्ली हाई कोर्ट को ये जानकारी दी।
संस्था के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर ड्रग कंट्रोलर ने कोर्ट ने कहा कि वह जल्द ही बिना किसी देरी के संस्था के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक प्रवीण कुमार को भी इसी अपराध का दोषी पाया गया है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
कोरोना वायरस के कारण दिल्ली की बिगड़ती स्थिति के बीच गौतम गंभीर की संस्था ने अप्रैल में अपने संसदीय क्षेत्र दिल्ली के लोगों को कोरोना के उपचार में इस्तेमाल होने वाली फैबिफ्लू दवा मुफ्त में बांटी थी।
गंभीर ने लोगों से डॉक्टर का पर्चा और आधार कार्ड लाकर उनके ऑफिस से दवा ले जाने को कहा था।
हालांकि AAP नेताओं ने इस पर सवाल उठाए थे और मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
सुनवाई
पहली रिपोर्ट में ड्रग कंट्रोलर ने दी थी गंभीर को क्लीन चिट
हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को जमाखोरी के ऐसे ही मामलों की जांच करने और गंभीर की संस्था के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
हालांकि अपनी जांच में ड्रग कंट्रोलर ने संस्था और AAP विधायक प्रवीण कुमार को क्लीन चिट दे दी थी जिसके बाद कोर्ट ने उसे फटकार लगाते हुए दोबारा जांच करने को कहा था।
अब अपनी दूसरी रिपोर्ट में कंट्रोलर ने इन दोनों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के उल्लंघन का दोषी पाया है।
कार्रवाई
कोर्ट ने पूछा- अभी तक क्यों नहीं की संस्था के खिलाफ कार्रवाई
आज सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर से गंभीर की संस्था के खिलाफ कार्रवाई न करने पर भी सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि जब कंट्रोलर डीलर्स और लाइसेंसी होल्डर्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है तो उसने अभी तक गंभीर की संस्था के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
निष्पक्षता की उम्मीद जताते हुए कोर्ट ने उम्मीद जताई कि कंट्रोलर बिना भेद किए सभी के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
कंट्रोलर ने कार्रवाई का भरोसा दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट
जांच को लेकर दिल्ली पुलिस को भी लगी थी फटकार
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को राजनेताओं पर लगे दवाओं, ऑक्सीजन और दूसरे उपकरणों की जमाखोरी के आरोपों की खानापूर्ति वाली जांच को लेकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि दिल्ली पुलिस सच सामने लाने की इच्छुक नहीं है।
मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा था किसी मामले में कुछ नेता शामिल है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी जांच नहीं की जाएगी।