गांधी परिवार का गढ़ कही जाने वाली रायबरेली सीट का चुनावी इतिहास और जातीय समीकरण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा से है, जिसने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है और पिछले चुनाव में राहुल की मां सोनिया गांधी ने यहां से जीत दर्ज की थी। आइए रायबरेली सीट का इतिहास और यहां के जातिगत समीकरण जानते हैं।
फिरोज गांधी थे रायबरेली सीट से पहले सांसद
1951-52 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव में रायबरेली की जगह प्रतापगढ़ (पश्चिम) सह रायबरेली (पूर्व) सीट थी, जिस पर राहुल के दादा और इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1957 लोकसभा चुनाव में रायबरेली नाम से सीट बनी और एक बार फिर फिरोज गांधी यहां से सांसद चुने गए। हालांकि, 1960 में फिरोज गांधी की मौत के बाद यह सीट खाली हो गई और यहां गांधी परिवार से बाहर का सांसद बना।
1967 में इंदिरा गांधी बनी रायबरेली से सांसद
1962 लोकसभा चुनाव में बैजनाथ कुरील कांग्रेस की टिकट पर रायबरेली से सांसद बने। हालांकि, 1967 में हुए अगले ही लोकसभा चुनाव में यहां गांधी परिवार की वापसी हुई और इंदिरा गांधी चुनाव लड़ीं और जीतीं। इसके बाद 1971 के लोकसभा चुनाव में भी इंदिरा यहां से जीतीं, लेकिन आपातकाल के बाद उनका आधार खिसक गया और 1977 में हुए आगामी लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के राज नारायण ने उन्हें हरा दिया।
1980 में इंदिरा फिर जीतीं, लेकिन सीट छोड़ी
आपातकाल के कारण 1977 में हार के बाद 1980 में एक बार फिर इंदिरा रायबरेली सीट से लड़ीं और इस बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं। हालांकि, वे एक अन्य सीट से भी चुनाव जीतीं, इसलिए नतीजों के बाद उन्होंने रायबरेली सीट को छोड़ दिया और उनकी जगह 1980 उपचुनाव में नेहरू-गांधी परिवार के ही अरुण नेहरू कांग्रेस की टिकट पर यहां से सांसद बने। वह 1984 में भी यहां से सांसद चुने गए।
1996 तक गांधी परिवार के पास रही सीट
1989 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नेहरू परिवार की शीला कौल को रायबरेली से मैदान में उतारा और वो जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं। कौल जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के भाई की पत्नी थीं। वह 1991 चुनाव में भी यहां से जीतीं। 1996 और 1998 लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार को कोई सदस्य रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ा और दोनों बार भाजपा के अशोक सिंह ने यहां से जीत दर्ज की।
2004 में पहली बार रायबरेली से लड़ीं सोनिया
1999 में राजीव गांधी के करीबी रहे सतीश शर्मा कांग्रेस की टिकट पर रायबरेली से चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद 2004 में सोनिया गांधी पहली बार यहां से चुनाव लड़कर सांसद बनीं। इसके बाद 2009, 2014 और 2014 में भी सोनिया ने इसी सीट से चुनाव लड़ा और लगातार 4 बार सांसद बनीं। अब यहां से 20 साल सांसद रहने के बाद उन्होंने रायबरेली की विरासत को अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दिया है।
रायबरेली सीट पर क्या है जातीय और धार्मिक समीकरण?
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रायबरेली सीट पर कुल 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, वहीं लगभग 88 प्रतिशत हिंदू हैं। जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर लगभग 11 प्रतिशत ब्राह्मण, 9 प्रतिशत राजपूत, 7 प्रतिशत यादव और 4 प्रतिशत कुर्मी हैं। सीट पर दलित मतदाता सबसे अधिक हैं और उनकी संख्या लगभग 34 प्रतिशत है। बाकी अन्य जातियों के 23 प्रतिशत मतदाता हैं। पिछली बार सोनिया गांधी यहां से 1.67 लाख वोटों से जीती थीं।