#NewsBytesExplainer: मानहानि मामले में ये वकील करेंगे राहुल गांधी की पैरवी
क्या है खबर?
मानहानि मामले में सजा होने के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोर्ट के आदेश से जुड़े सवाल पूछने पर राहुल ने एक ही जवाब दिया- कानूनी टीम मामले को देख रही है।
बता दें कि देश के दिग्गज वकील इस मामले में राहुल की ओर से पैरवी करने की तैयारी कर रहे हैं। ये वकील कई बार नेताओं को कानूनी संकट से बचा चुके हैं।
आज इन वकीलों के बारे में जानते हैं।
वकील
राहुल के मानहानि मामले में कौन करेगा पैरवी?
मानहानि पर सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले को देख रहे हैं। सिंघवी ने कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लिया फैसला बताया।
वहीं, कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और विवेक तन्खा रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपील तैयार है और सोमवार को कोर्ट में दायर हो जाएगी।
सिब्बल
नेताओं के संकटमोचक हैं कपिल सिब्बल
कभी कांग्रेस में रहे कपिल सिब्बल ने 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। वे समाजवादी पार्टी के समर्थन से फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं। सुप्रीम कोर्ट में विपक्षी दलों और उसके नेताओं के लिए कपिल सिब्बल ने कई मामलों में पैरवी की है।
सिब्बल अब तक सोनिया गांधी, लालू यादव, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन समेत कई विपक्षी नेताओं के लिए संकटमोचक की भूमिका निभा चुके हैं।
वे अभी भी सुप्रीम कोर्ट में कई नेताओं की पैरवी कर रहे हैं।
फीस
एक सुनवाई के 10-15 लाख रुपये लेते हैं सिब्बल
सिब्बल मनमोहन सिंह की सरकार में कई मंत्रालयों की कमान संभाल चुके हैं। 2011 में अन्ना आंदोलन के दौरान सिब्बल ने कांग्रेस के लिए निर्णायक भूमिका निभाई थी।
कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए एक सुनवाई का 10-15 लाख रुपये लेते हैं।
हाल ही सोना तस्करी केस में केरल सरकार की ओर से सिब्बल कोर्ट में पेश हुए थे, जिसमें सरकार ने उन्हें एक पेशी के लिए 15.5 लाख रूपये दिए थे।
मामले
इन बड़े मामलों में कर चुके हैं पैरवी
सिब्बल नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को जमानत दिला चुके हैं।
INX मीडिया मामले में वे जेल में बंद पी चिदंबरम को जमानत दिलवा चुके हैं।
चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को जमानत दिलवाने में सिब्बल ने अहम भूमिका निभाई थी।
अलग-अलग मामलों में जेल में बंद सपा नेता आजम खान और उनके बेटे को भी सिब्बल ने ही जमानत दिलवाई थी।
2016 में उत्तराखंड की सरकार बहाल करने में भी सिब्बल ने पैरवी की थी।
करियर
1972 से वकालत कर रहें हैं सिब्बल
8 अगस्त 1948 को जालंधर में जन्मे सिब्बल के पिता हीरा लाल सिब्बल भी मशहूर वकील थे। उन्होंने 1973 में UPSC परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन वकालत के लिए IAS की नौकरी छोड़ी दी।
वे 1972 से वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं। 2004 में वे दिल्ली की चांदनी चौक सीट से स्मृति ईरानी को हराकर पहली बार लोकसभा पहुंचे।
UPA सरकार में वे मानव संसाधन विकास मंत्री, सूचना प्रोद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रहे हैं।
अभिषेक सिंघवी
कई विपक्षी नेताओं को राहल दिला चुके हैं अभिषेक मनु सिंघवी
64 साल के सिंघवी कई नेताओं के लिए पैरवी कर चुके हैं। वे सोनिया, राहुल, मनीष सिसोदिया, पवन खेड़ा, उद्धव ठाकरे और डीके शिवकुमार जैसे नेताओं के लिए कोर्ट में नजर आ चुके हैं।
वे कई मामलों में सिब्बल के साथ मिलकर भी पैरवी कर चुके हैं। फिलहाल वे कांग्रेस प्रवक्ता होने के साथ ही पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद भी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंघवी एक पेशी के लिए 8-10 लाख रुपये फीस लेते हैं।
विवाद
विवादों से रहा है सिंघवी का नाता
24 फरवरी 1959 को जन्मे सिंघवी कैम्ब्रिज और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। वे 1980 के दशक से वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं। 2001 में कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रवक्ता बनाया और 2006 में पहली बार राजस्थान से राज्यसभा भेजे गए।
2012 में एक कथित सीडी वायरल होने के बाद सिंघवी काफी चर्चा में आए थे।
2014 में आयकर से जुड़े एक मामले में उन पर 57 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
मामला
क्या है राहुल की मानहानि का मामला?
2019 में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ सूरत में मानहानि का केस दायर किया गया था, जिसमें कोर्ट ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा और 15,000 रूपये का जुर्माना लगाया था।
इसके बाद राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल के पास अब हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती देने का विकल्प है।