सोनिया गांधी की तबीयत खराब, गंगाराम अस्पताल में भर्ती
क्या है खबर?
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। गुरुवार को उन्हें बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था, जहां उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बुखार आने के बाद सोनिया की कई जांच की गईं और उनकी हालत अभी स्थिर बनी हुई है।
इससे पहले जनवरी महीने में भी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष को वायरल संक्रमण की शिकायत हुई थी।
हेल्थ बुलेटिन
अस्पताल ने जारी किया हेल्थ बुलेटिन
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की ओर से सोनिया गांधी का हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया गया है।
बुलेटिन में कहा गया है, "सोनिया गांधी को 2 मार्च को चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अरूप बसु की निगरानी में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह चिकित्सकों की निगरानी में हैं। उनकी जांच की जा रही है और उनकी हालत अभी स्थिर है।"
बता दें कि सोनिया लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रही हैं।
तबीयत
सोनिया जनवरी में भी हुई थीं अस्पताल में भर्ती
जनवरी में भी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी वायरल संक्रमण की शिकार हो गई थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह करीब एक हफ्ते तक अस्पताल भर्ती रहीं और इलाज के बाद तबीयत में सुधार होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
राहुल गांधी उन दिनों 'भारत जोड़ो यात्रा' में व्यस्त थे और वह पदयात्रा छोड़कर अपनी मां का हाल-चाल जानने के लिए दिल्ली पहुंच गए थे।
महाधिवेशन
रायपुर में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन में हुई थीं शामिल
बीते 24 से 26 जनवरी के बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन हुआ था और इस अधिवेशन में हुए मंथन में सोनिया भी शामिल हुई थीं।
साल 2019 में राहुल द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़े जाने के बाद वह पिछले साल अक्टूबर तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाले हुए थीं।
इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए।
कांग्रेस अध्यक्ष
सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रही हैं सोनिया
1998 में अध्यक्ष पद संभालने वालीं सोनिया सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रही हैं। 2017 से लेकर 2019 तक राहुल को पार्टी की कमान सौंपी गई थी, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा दे दिया।
अक्टूबर में हुए चुनाव कांग्रेस के 137 सालों के इतिहास में छठवां मौका था, जब अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी में आंतरिक चुनाव हुए। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का कोई नया अध्यक्ष मिला।