महाराष्ट्र: सियासी घमासान के बीच उद्धव ठाकरे ने खाली किया मुख्यमंत्री आवास
लगातार बढ़ते सियासी घमासान के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात को अपना आधिकारिक निवास 'वर्षा' खाली कर दिया है। अपने विधायकों की बगावत झेल रहे ठाकरे ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और राज्य के लोगों से बात की। इसके थोड़ी देर बाद वो आधिकारिक निवास को खाली कर अपने निजी आवास 'मातोश्री' लौट गए। इस दौरान ठाकरे के प्रति समर्थन जताने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके आवास के सामने इकट्ठा हुए थे।
निजी आवास से करेंगे कामकाज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना संक्रमित उद्धव ठाकरे फिलहाल अपने निजी आवास से ही मुख्यमंत्री का कामकाज संभालेंगे। बुधवार रात को आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ठाकरे का स्टाफ उनका सामान 'वर्षा' से निकाल कर ले जा रहे हैं। ठाकरे के बाद उनके बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे को भी अपनी मां और भाई के साथ मुंबई में आधिकारिक आवास छोड़कर जाते हुए देखा गया था।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने की पुष्पवर्षा
मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास छोड़ते समय नीलम गोरहे और चंद्रकात खैरे जैसे शिवसेना नेता वहां मौजूद थे। रात करीब 10 बजे जब ठाकरे परिवार 'वर्षा' से निकलकर 'मातोश्री' जा रहे थे, तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन पर पुष्पवर्षा की।
ठाकरे ने की इस्तीफे की पेशकश
महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए राज्य को संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसी को ऐसा लगता है कि वह मुख्यमंत्री न रहें तो तुरंत पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। बस एक बार वह उनसे आकर मिलें और कहें। उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी भी हिंदुत्व को नहीं छोड़ेगी और हिंदुत्व ही पार्टी की पहचान है।
मुझे मुख्यमंत्री बने रहने का कोई लालच नहीं- ठाकरे
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, "आज कांग्रेस और NCP कहे कि वो मुझे मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहते, तो मैं मान सकता हूं। आज सुबह कमलनाथ और शरद पवार ने फोन कर मुझ पर भरोसा जताया है, लेकिन अब मैं क्या करुं? जब कोई अपना ही ऐसा कहे कि मुझे मुख्यमंत्री बनते नहीं देखना चाहते।" उन्होंने कहा, "मुझे मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए सूरत जाने की क्या जरुरत थी? शिवसेना से वफादारी का दावा करके ऐसा करना ठीक नहीं है।"
एकनाथ शिंदे को ठाकरे की चुनौती
उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा, "मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं, लेकिन क्या आप मुझे यह भरोसा दे सकते हैं कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा।" ठाकरे के इस बयान को बागी नेता एकनाथ शिंदे के लिए सीधी चुनौती मानी जा रही है, जो खुद के धड़े को असली शिवसेना के तौर पर पेश कर रहे हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि शरद पवार ने बगावत को थामने के लिए शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी है।
सरकार गठन का दावा नहीं करेगी भाजपा- दानवे
केंद्रीय राज्यमंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब पाटिल दानवे ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में मचा सियासी संकट शिवसेना का आंतरिक मसला है और भाजपा राज्य में सरकार गठन का दावा नहीं करेगी। देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात करने के बाद दानवे ने बताया कि शिवसेना का कोई भी विधायक भाजपा के संपर्क में नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने एकनाथ शिंदे से बात नहीं की। यह शिवसेना का आंतरिक मसला है।"