झारखंड सरकार ने लालू की कथित ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए
झारखंड सरकार ने बुधवार को कथित तौर पर लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) विधायक को टेलीफोन करने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। झारखंड के जेल IG वीरेंद्र भूषण ने कहा कि उन्होंने रांची के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक से इस मामले की जांच करने को कहा है। अगर टेलीफोन करने के आरोप सच पाए जाते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि जेल में बंद लालू प्रसाद यादव मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मोबाइल से उन्होंने NDA विधायक को फोन किया था। इसके बाद उन्होंने एक ऑडियो क्लिप भी शेयर की थी। सुशील मोदी का दावा था कि यह ऑडियो लालू और भाजपा विधायक ललन पासवान के बीच हुई बातचीत का है। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू नीतीश सरकार को गिराना चाहते हैं।
विधायक ने की थी ऑडियो क्लिप की पुष्टि
सुशील मोदी के दावे के बाद भाजपा विधायक पासवान खुद सामने आए। उन्होंने ऑडियो क्लिप की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सुशील मोदी की मौजूदगी में यह बात हुई थी, लेकिन लालू को मोदी की मौजूदगी का पता नहीं था।
क्लिप सुनने के बाद दिए जांच के आदेश- भूषण
जेल IG भूषण ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर लालू प्रसाद यादव की बताई जा रही ऑडियो क्लिप को सुनने के बाद जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जेल के नियमों के अनुसार न्यायिक हिरासत में बंद किसी भी कैदी को मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं तो पता लगाया जाएगा कि लालू यादव के पास फोन कैसे पहुंचा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
RIMS निदेशक के सरकारी आवास में हैं लालू प्रसाद यादव
उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति न्यायिक हिरासत में होता है तो वह किसी भी प्रकार की राजनीतिक चर्चा में शामिल नहीं हो सकता। बता दें कि रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू प्रसाद यादव को स्वास्थ्य आधारों पर राजेंद्र प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (RIMS) में भर्ती कराया गया था। यहां उनके सहयोगियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें फिलहाल RIMS निदेशक के सरकारी आवास पर रखा गया है।
लालू को फिर से जेल भेजने की PIL दायर
लालू प्रसाद यादव के RIMS निदेशक के सरकारी आवास में रहने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर हो चुकी है। इसमें मांग की गई है कि उनकी सेहत की जांच कर उन्हें फिर से जेल में भेजा जाए। फिलहाल निदेशक के सरकारी आवास में रह रहे लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए आने वाले मेहमानों और उनसे जुड़ी दूसरी चीजों से संबंधित सभी निर्णय रांची जिला प्रशासन लेता है।