दिल्ली: बस मार्शल बहाली के मुद्दे पर हंगामा, मंत्री सौरभ भारद्वाज हिरासत में लिए गए
दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा विधायकों के साथ बस मार्शलों की बहाली को लेकर कैबिनेट नोट सौंपने और मंजूरी लेने के लिए उपराज्यपाल के कार्यालय पहुंचीं। इससे पहले कैबिनेट की बैठक में यह नोट पारित किया गया था। इस दौरान AAP ने भाजपा विधायकों पर भागने का आरोप लगाया और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़ लिए।
हंगामे के दौरान क्या-क्या हुआ?
दरअसल, आज भाजपा विधायकों की नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। इस दौरान गुप्ता ने कहा कि अगर सरकार मार्शलों को लेकर गंभीर है तो कैबिनेट में प्रस्ताव पास कराए। इस पर आतिशी ने फौरन कैबिनेट की बैठक बुलाई और 4 मंत्रियों की मौजूदगी में कैबिनेट नोट पर हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने भाजपा विधायकों से कहा कि वे इसे अभी उपराज्यपाल की मंजूरी दिला दें। इस पर भाजपा विधायक बैठक से उठकर जाने लगे।
यह बस मार्शल के साथ विश्वासघात- आतिशी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, 'हमने एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई और बस मार्शल को नियमित करने के लिए पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद भी भाजपा विधायक उपराज्यपाल से उस कैबिनेट नोट को पारित करने के लिए कहने के लिए तैयार नहीं थे। यह बस मार्शल के साथ विश्वासघात है। कैबिनेट द्वारा जो काम किए जाने थे बस मार्शल और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को नियमित करना, वे किए जा चुके हैं।'
AAP ने क्या कहा?
AAP ने लिखा, 'ऐतिहासिक। बस मार्शलों की बहाली के लिए आज भाजपा विधायकों के सामने कैबिनेट नोट पास करने के बाद उसे उपराज्यपाल के पास मुख्यमंत्री आतिशी, मंत्री और विधायक गए। भाजपा विधायकों ने भागने का पूरा प्रयास किया, लेकिन मंत्री सौरभ भारद्वाज और AAP नेताओं ने उन्हें भागने नहीं दिया। मुख्यमंत्री खुद भाजपा विधायक की गाड़ी में बैठकर उपराज्यपाल कार्यालय गईं। बस मार्शलों की बहाली के लिए AAP किसी भी हद तक जाएगी।'
सौरभ बोले- भाजपा विधायक उपराज्यपास से मिलने को तैयार नहीं
सौरभ भारद्वाज ने कहा, "दिल्ली में भर्तियों का काम भाजपा के उपराज्यपाल के पास है, लेकिन भाजपा विधायकों ने बस मार्शलों की अपने ही उपराज्यपाल द्वारा बहाली कराने के लिए कैबनेट नोट पास कराने की बात कही। हमने उसी समय कैबिनेट की बैठक बुलाई और बहाली का प्रस्ताव पास कर दिया। इसके बाद भी भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता अपने ही उपराज्यपाल से मिलने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की। हम उनके पैरों में लेट गए।"
क्या है बस मार्शलों की बहाली का मुद्दा?
दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात 10,000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया था। इनका काम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, बसों के अंदर व्यवस्था बनाए रखना और अव्यवस्थाओं को रोकना होता था। हालांकि, पिछले साल नागरिक सुरक्षा निदेशालय द्वारा आपत्ति जताने के बाद इन्हें हटा दिया गया था। इसके बाद से ही इनकी बहाली का लेकर भाजपा और AAP आमने-सामने है।