राष्ट्रपति ने दिल्ली के उपराज्यपाल को दी असीम शक्तियां, अब नियुक्ति और बोर्ड गठन का अधिकार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल को कई अधिकार देकर उनकी शक्तियों को बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल को संसद से पारित किसी भी कानून के तहत दिल्ली में किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन करने का अधिकार होगा। साथ ही उपराज्यपाल को नियुक्तियों का भी अधिकार दिया गया है।
नियुक्ति का भी होगा अधिकार
अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा, "राष्ट्रपति निर्देश देते हैं कि दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए और अगले आदेश तक, किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, के गठन के लिए या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए संबंधित धाराओं के तहत राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग करेंगे।"
उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी में दिखेगा टकराव
राष्ट्रपति के इस आदेश के बाद दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच टकराव बढ़ सकता है। पार्टी पहले से ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 के विरोध में थी, जिसको राष्ट्रपति ने पिछले साल अपनी मंजूरी दी थी। इसमें अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों का अधिकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) को दिया गया है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय का अधिकार प्राधिकरण के बहुमत और उपराज्यपाल के पास है।
MCD कमेटी चुनाव में दिखेगा असर
दिल्ली नगर निगम (MCD) के कमेटी चुनाव से पहले उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने के कई मायने हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चुनाव के लिए पीठासीन की नियुक्ति कर दी। चुनाव को जीतने के लिए भाजपा जी-जान से जुटी है।