#NewsBytesExplainer: दिल्ली के मुख्य सचिव 850 करोड़ रुपये के घोटाले में घिरे, जानें क्या है मामला
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे से जुड़े भूमि घोटाले में सतर्कता मंत्री आतिशी मार्लेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है।
इस रिपोर्ट में उन्होंने नरेश पर अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को अवैध लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने नरेश को मुख्य सचिव के पद से हटाने की भी सिफारिश की है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और आतिशी ने अपनी रिपोर्ट में क्या-क्या कहा है।
मामला
सबसे पहले जानते हैं क्या है मामला
द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण में अनिमियतिता की शिकायत केजरीवाल के पास दर्ज कराई गई थी। इसके बाद केजरीवाल ने सतर्कता मंत्री आतिशी को जांच के निर्देश दिए थे।
आरोप है कि नरेश के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति ने नौकरी पर रखा, जिसके रिश्तेदारों को सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा मिला।
शुरुआती जांच में सामने आया कि नरेश ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया है।
परियोजना
क्या है जमीन से जुड़ा मामला?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए दिल्ली के बामनोली में अधिग्रहित की गई 19 एकड़ जमीन की कीमत दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिला अधिकारी हेमंत कुमार ने 41 करोड़ से 353 करोड़ रुपये कर दी थी। भूमि को आवासीय बताकर कीमत बढ़ाई गई।
इन पैसों का सुभाष चंद्र कथूरिया और उनके भाई विनोद कथूरिया को भुगतान किया गया।
आरोप है कि नरेश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करके हेमंत कुमार के जरिए जमीन की कीमत बढ़वाई।
सचिव
नरेश कुमार के बेटे का जमीन के मालिकों से क्या संबंध?
जमीन के असली मालिक सुभाष चंद्र कथूरिया और उनके भाई विनोद कथूरिया हैं, जिन्हें इसका सीधा लाभ मिला।
सुभाष चंद्र कथूरिया रियल्टी फर्म अनंतराज लिमिटेड के प्रमोटर अमन सरीन के ससुर हैं, जिनका नरेश कुमार के बेटे करण चौहान के साथ व्यापारिक जुड़ाव है।
करण अनंतराज लिमिटेड में काम करते हैं और कुछ ऐसी कंपनियों में निदेशक भी हैं, जो अनंतराज से जुड़ी हुई हैं।
इसी कारण यह संभावित व्यवसायिक हितों के टकराव का मामला बनता है।
रिपोर्ट
आतिशी ने अपनी रिपोर्ट में क्या-क्या कहा?
बिजनस स्टैन्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने कहा कि आतिशी ने इस मामले पर 650 पेज की रिपोर्ट केजरीवाल को सौंपी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में 850 करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया गया है। यह जमीन द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 2015 में केवल 75 लाख रुपये में खरीदी गई थी।
आतिशी ने केजरीवाल से मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव अश्विनी कुमार को उनके पदों से तुरंत हटाने की सिफारिश की है।
इनकार
अधिकारियों ने मामले पर क्या कहा?
इस मामले में अश्विनी कुमार ने प्रेस वार्ता कर मुख्य सचिव पर लगे आरोपों से इनकार किया है और इसे गंदी राजनीति करार दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को इसलिए फंसाया जा रहा है क्योंकि वह दिल्ली सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में हो रही गड़बड़ियों का खुलासा करते रहे हैं।
मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें उनके बेटे के कथूरिया से संबंध की कोई जानकारी नहीं थी।
कार्रवाई
अधिकारियों ने दिल्ली सरकार पर क्या आरोप लगाया?
अश्विनी ने आरोप लगाया कि यह मामला मई में सामने आया था और तब हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने मुख्य सचिव के खिलाफ शिकायत को हेमंत कुमार को बचाने की रणनीति करार दिया।
इस बीच दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, प्रेस वार्ता आयोजित करने के लिए अश्विनी कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इस तरह की प्रेस वार्ता करना अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन है।
CBI
मामला अभी CBI के पास, दिल्ली सरकार को जांच पर संदेह
केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर को मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच के आदेश दिए थे। ये आदेश हेमंत को पद से हटाने के बाद दिया गया था।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार को संदेह है कि इसका प्रभाव उसकी जांच पर पड़ सकता है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) ने मामले में फाइलें तलब की थीं।
इसके अध्यक्ष केजरीवाल हैं और इससे उन्हें नरेश कुमार को घेरने को मौका मिल सकता है।