
मॉब लिंचिंग: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्यों को नोटिस, पूछा- रोकने के लिए क्या किया
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और 10 राज्यों को मॉब लिंचिंग पर नोटिस जारी किया है।
नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से पूछा है कि उन्होंने मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं।
कोर्ट ने ये नोटिस उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें सरकारों पर मॉब लिंचिंग को रोकने और इसके खिलाफ कानून बनाने संबंधी उसके पुराने आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया गया था।
तहसीन पूनावाला vs भारतीय संघ
सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला जिसका दिया गया हवाला
याचिका में जिस केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हवाला दिया गया है, उसे तहसीन एस पूनावाला बनाम भारतीय संघ के नाम से जाना जाता है।
2018 के इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने वाले गोरक्षकों और मॉब लिंचिंग पर कार्रवाई की मांग की थी।
कोर्ट ने ऐसी हिंसाओं को रोकने के लिए 11 बिंदु का अहम आदेश दिया था।
फैसला
कोर्ट ने दिया था मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने का आदेश
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मॉब लिंचिंग रोकने के लिए कानून बनाने को कहा था।
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून के हर स्तर पर कदम उठाने की बात कहते हुए उसने कहा था कि सरकारों को इस समस्या से निपटने के लिए सकारात्मक और जिम्मेदाराना कार्रवाई करनी होगी, वर्ना भीड़ की ऐसी हिंसा सामान्य हो जाएगी।
कोर्ट ने इन घटनाओं के बहुलता और अभिव्यक्ति की आजादी पर असर के बारे में भी बताया था।
नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजा गया नोटिस
अब शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और 10 राज्यों से पूछा है कि उन्होंने उसके पूरा आदेश पर क्या कदम उठाए और भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं।
जिन राज्यों को नोटिस जारी किया गया है उनसमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान आदि का नाम शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी मामले में नोटिस जारी किया है।
लिंचिंग पर कार्रवाई की मांग
49 मशहूर हस्तियों के प्रधानमंत्री को पत्र लिखने पर राजनीति गर्म
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस ऐसे समय पर जारी किया है, जब श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और रामचंद्र गुहा समेत 49 मशहूर हस्तियों के देश के माहौल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर राजनीति गर्म है।
इन हस्तियों ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से मॉब लिंचिंग, हिंसा के लिए जय श्री राम के नारे के उपयोग और सरकार की आलोचना करने वालों को देशविरोधी बताने के चलन पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की थी।
प्रतिक्रिया
अन्य 62 मशहूर हस्तियों ने लिखा जवाबी पत्र
इस पत्र के जवाब में सुप्रीम कोर्ट के आज नोटिस जारी करने से कुछ देर पहले ही अन्य 62 मशहूर हस्तियों ने इसे "चयनात्मक आक्रोश" यानि केवल स्वयं के हित को साधने वाले कुछ चुनिंदा मुद्दों को उठाना और बाकी मुद्दों को दरकिनार कर देना, करार दिया है।
उन्होंने पहला पत्र लिखने वाली हस्तियों झूठी कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया था। इन मशहूर हस्तियों में कंगना रनौत, विवेक अग्निहोत्री और अशोक पंडित आदि के नाम भी शामिल थे।