मिजोरम विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी, शुरुआती रुझानों में ZPM ने पार किया बहुमत का आंकड़ा
मिजोरम में विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। इस बार भी यहां सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और स्थानीय पार्टी जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के बीच ही मुख्य मुकाबला है। शुरुआती रुझानों में ZPM 22 और MNF 11 सीटों पर आगे हैं। कांग्रेस और भाजपा 3-3 सीटों पर आगे हैं। पहले मिजोरम में 3 दिसंबर को मतगणना होनी थी, लेकिन रविवार को ईसाइयों की प्रार्थना का दिन होने के कारण चुनाव आयोग ने मतगणना की तारीख बदल दी।
7 नवंबर को मिजोरम में हुआ था 78 प्रतिशत मतदान
चुनाव आयोग के अनुसार, 7 नवंबर को मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर लगभग 78 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार चुनाव में कुल 8.57 लाख मतदाताओं ने 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मिजोरम चुनाव की मतगणना के लिए 13 केंद्र बनाए गए हैं। यहां 4,000 से अधिक अधिकारियों को मतगणना ड्यूटी में लगाया गया है।
मिजोरम पर क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
मिजोरम चुनाव के एग्जिट पोल के अनुसार, यहां MNF और ZPM में से कोई भी सरकार बना सकता है। न्यूज-जन की बात ने MNF को 10-14 सीटें, ZPM को 15-25 सीटें, कांग्रेस को 5-9 सीटें और भाजपा को 2 सीटें दी हैं, वहीं इंडिया टीवी-CNX ने MNF को 14-18 सीटें, ZPM को 12-16, कांग्रेस को 8-10 और भाजपा को 2 सीटें दी हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने ZPM को 28-35 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है।
पिछले मिजोरम चुनाव में क्या रहे थे नतीजे?
2018 मिजोरम विधानसभा चुनाव में MNF ने 40 में से 27 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। उस वक्त 8 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे, जबकि कांग्रेस ने 4 और भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकती है। दोनों राष्ट्रीय पार्टियां कुछ सीटों पर जीत हासिल करके सत्ता में भागीदार बन सकती है।
4 राज्यों में क्या रहे चुनाव नतीजे?
रविवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे। इनमें से 3 राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है और कांग्रेस की हार हुई है। मध्य प्रदेश में तो उसे दो-तिहाई बहुमत मिला है। कांग्रेस को केवल तेलंगाना में सफलता हाथ लगी है और उसने भारत राष्ट्र समिति (BRS) को सत्ता से बेदखल कर दिया है।