पंजाब के बाद अब राजस्थान में आंतरिक कलह को शांत करने की तरफ बढ़ी कांग्रेस
क्या है खबर?
पंजाब में पार्टी की आंतरिक कलह को शांत करने के बाद अब कांग्रेस ने राजस्थान में भी आपसी झगड़े को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने आज पार्टी विधायकों के साथ बैठक बुलाई है।
इसके अलावा पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान प्रभारी अजय माकन भी शनिवार शाम को जयपुर पहुंचे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले।
अटकलें हैं कि राज्य में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है।
पृष्ठभूमि
राजस्थान में आमने-सामने हैं अशोक गहलोत और सचिन पायलट
2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट ने पिछले साल जुलाई में अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी।
वह अपने समर्थन विधायकों के साथ जयपुर छोड़कर दिल्ली के पास एक होटल में आ गए थे और पार्टी नेतृत्व से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी।
हफ्तों चले इस ड्रामे के अंत में वह गांधी परिवार से बातचीत के बाद पार्टी में वापस आ गए थे।
बयान
पायलट ने इसी हफ्ते जताई थी मुद्दों के जल्द समाधान की उम्मीद
कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से वादा किया था कि उनकी शिकायतों और मांगों की सुनवाई की जाएगी। इस हफ्ते की शुरूआत में ही पायलट ने संकेत दिए थे कि पार्टी जल्द ही उनके मुद्दों का समाधान कर सकती है।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार का विस्तार किया जा सकता है और इसमें पायलट खेमे के विधायकों को जगह दी जा सकती है।
राजस्थान में 30 मंत्री हो सकते हैं जिनमें से नौ पद खाली हैं।
दबाव
पिछले महीने दिल्ली पहुंच गए थे पायलट खेमे के नेता
पिछले महीने पायलट खेमे के कई नेताओं ने भी पायलट से किए गए वादों को पूरा करने की मांग की थी जिसके बाद कैबिनेट विस्तार और पार्टी संगठन में फेरबदल की अटकलें बढ़ गई थीं।
पायलट खेमे के 15 नेता दिल्ली भी पहुंच गए थे और कहा था कि उनकी सरकार और पार्टी दोनों जगह पर सुनवाई नहीं हो रही है।
सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए उन्होंने बसपा से आए विधायकों का प्रभाव बढ़ने की शिकायत भी की थी।
आरोप
पत्र में विधायकों ने लगाए थे ये आरोप
इन नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले और निर्दलीय विधायक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठनात्मक ढांचे को कमजोर कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया था कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी संगठन इन विधायकों की मर्जी के अनुसार काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता और मतदाता ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस
पंजाब में हाल ही में हुई है सिद्धू और अमरिंदर में सुलह
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब में पार्टी का आंतरिक झगड़ा सुलझाया है। यहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव चल रहा था और दोनों एक-दूसरे पर सार्वजनिक हमले कर रहे थे।
महीनों की खींचतान के बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाकर इस विवाद को सुलझाया गया था और शुक्रवार को सिद्धू के प्रमोशन के कार्यक्रम में शामिल होकर अमरिंदर ने सुलह के संकेत भी दिए थे।