लगातार नौवें दिन तेल की कीमतों में वृद्धि, राजस्थान में पेट्रोल 100 रुपये के पार
ऑयल मार्केटिंग कंपनीज (OMC) ने लगातार नौवें दिन देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाईं और बुधवार को इनमें लगभग 25 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई। इसी के साथ राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये पार कर गई है, वहीं मुंबई में यह पहली बार 96 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। देश की राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 89.54 प्रति लीटर हो गई है।
राजस्थान बढ़ती कीमतों से सबसे अधिक प्रभावित
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हालिया वृद्धि से राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित हुआ है और यहां के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत 100.13 रुपये प्रति लीटर हो गई है, वहीं डीजल की कीमत 92.13 रुपये प्रति लीटर है। जयपुर में पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमश: 96.01 रुपये और 88.34 रुपये प्रति लीटर हो गई है। बता दें कि राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत VAT लगता है जो देश में सबसे अधिक है।
कई शहरों में पेट्रोल 90 रुपये और डीजल 80 रुपये पार
राजस्थान के अलावा देश के अन्य कई राज्यों और शहरों भी पेट्रोल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर गई है। इन शहरों में मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, भुवनेश्वर, हैदराबाद, जयपुर, पटना और तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं। वहीं डीजल की कीमत भी दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़ देश के अधिकांश हिस्सों में 80 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गई है। मुंबई में इसकी कीमत लगभग 87 रुपये है, वहीं चेन्नई में 85 रुपये है।
इन चीजों को माना जा रहा कीमत में वृद्धि का कारण
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और देश में इस पर लगने वाले भारी टैक्स को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का कारण माना जा रहा है। कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है और आने वाले समय में इसके और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने टैक्स को भी कम नहीं किया है।
हालिया दिनों में LPG की कीमतों में भी हुई है वृद्धि
बता दें कि हालिया दिनों में देश में पेट्रोल-डीजल के अलावा LPG की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। इसी रविवार को दिल्ली में LPG के एक सिलेंडर की कीमत को 50 रुपये बढ़ाया गया था और इसी के साथ रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत 769 रुपये हो गई है। मंहगाई की इस मार से आम जन काफी परेशान नजर आ रहे हैं और विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को भुनाने में लगी हुई हैं।
हाथ खड़े कर चुकी है केंद्र सरकार
तेल की कीमतों को नियंत्रण करने के मामले पर केंद्र सरकार हाथ खड़े कर चुकी है। हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि सरकार का पेट्रोल-डीजल की कीमतों से बहुत कम लेना-देना है और कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर होती हैं। उन्होंने कहा कि इस पर लगने वाले टैक्स को लेकर केंद्र और राज्य दोनों जिम्मेदार हैं। केंद्र ने उत्पाद शुल्क में वृद्धि की तो राज्यों ने VAT बढ़ा दिया।