शाह के रोड शो में हिंसाः भाजपा जंतर-मंतर पर करेेगी प्रदर्शन, चुनाव आयोग से मिलेगी TMC
क्या है खबर?
कोलकाता में मंगलवार को अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) आमने-सामने है।
भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है। इस मामले को लेकर भाजपा आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी।
इससे पहले पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे।
दूसरी तरफ TMC आज चुनाव आयोग से मुलाकात करेगी। आइये, जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
हिंसा की घटना
मंगलवार को शाह के रोड शो में हुई थी हिंसा
मंगलवार को अमित शाह को कोलकाता में रोड शो था। इससे पहले खबरें आई थीं कि पुलिस ने कोलकाता की सड़कों पर लगे भाजपा के पोस्टर हटा दिये।
भाजपा का आरोप है कि रोड शो के दौरान तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी की। इसके बाद कॉलेज स्ट्रीट के पास हुई हिंसा में भीड़ ने तीन बाइकों में आग लगा दी।
अमित शाह ने कहा कि TMC कार्यकर्ताओं ने उनके रोड शो पर ईंटें और पत्थर फेंके।
ट्विटर पोस्ट
भीड़ ने की तोड़फोड़
West Bengal: Clashes broke out in roadshow of BJP President Amit Shah in Kolkata after sticks were hurled at Shah’s truck. Police later resorted to lathicharge pic.twitter.com/TSvJMAdemQ
— ANI (@ANI) May 14, 2019
आरोप
TMC का आरोप- शाह के रोड शो में थे बाहरी लोग
रोड शो के दौरान भारी हिंसा भड़क गई। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
हिंसा को देखते हुए शाह ने अपना रोड शो जल्दी खत्म किया, जिसके बाद उन्हें भारी सुरक्षा के बीच वहां से निकाला गया।
वहीं TMC ने आरोप लगाया है कि शाह बाहरी लोगों को लेकर आए थे, जिन्होंने इस हिंसा को अंजाम दिया।
पार्टी प्रवक्ता डेरेक'ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा ने जो किया है, लोग उसे कभी माफ नहीं करेंगे।
हिंसा
ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी
हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने विद्यासागर कॉलेज में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को भी तोड़ दिया।
ममता ने बाद में विद्यासागर कॉलेज का दौरा किया और उन्होंने अपने हाथ से मूर्ति के टुकड़े उठाए।
साथ ही TMC ने मूर्ति तोड़े जाने को लेकर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है।
बता देें, ईश्वर चंद्र विद्यासागर बंगाल पुनर्जागरण के एक प्रमुख व्यक्ति थे। उन्हें विधवाओं पर होने वाले अत्याचारों और अन्यायों से लड़ने के लिए याद किया जाता है।
चुनाव आयोग पर आरोप
भाजपा का आरोप- मूकदर्शक बन गया है चुनाव आयोग
हिंसा की घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह मूकदर्शक बनकर बंगाल की स्थिति को देख रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में कड़े कदम उठाने चाहिए।
गोयल ने आगे कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देना चाहती है, इसलिए वह हिंसा का सहारा ले रही हैं। भाजपा ममता के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।
ट्विटर पोस्ट
ममता बनर्जी ने किया हिंसा वाली जगह का दौरा
Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee visits Vidyasagar College; clashes broke out near it at BJP President Amit Shah's roadshow today. #WestBengal pic.twitter.com/LDZa5HpZvM
— ANI (@ANI) May 14, 2019
इतिहास
राजनीतिक हिंसा से भरा रहा है पश्चिम बंगाल का इतिहास
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का इतिहास काफी पुराना रहा है। राज्य में 1977 से लेकर 2007 के दौरा लगभग 28 हजार राजनीतिक हत्याएं हुईं।
ममता बनर्जी ने लेफ्ट के गढ़ को ढहाने के लिए जमीन पर कड़ा संघर्ष किया। उनके राज में राजनीतिक हत्याओं कम जरूर हुई हैं, लेकिन इन पर रोक नहीं लगी है।
राज्य में 2011 में 38, 2012 में 22, 2013 में 26, 2014 में 10, 2015 और 2016 में एक-एक राजनीतिक हत्याएं हुईं।
पश्चिम बंगाल
बेहद महत्वपूर्ण बन गया है पश्चिम बंगाल
भाजपा और TMC के इस तीखे टकराव का कारण इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल का बेहद महत्वपूर्ण राज्य बन कर उभरना है।
उत्तर भारत में सीटों के नुकसान की संभावना को देखते हुए भाजपा यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है और उसका लक्ष्य राज्य की 42 में से 20 सीट जीतने पर है।
वहीं, ममता भी राज्य में बेहद शानदार प्रदर्शन करना चाहती है, ताकि गठबंधन की सरकार बनने पर वह प्रधानमंत्री पद पर दावा कर सकें।
जानकारी
अंतिम चरण में डाले जाएंगे राज्य की नौ सीटों पर वोट
अंतिम चरण के लिए राज्य की नौ सीटों पर वोटिंग होनी है। ये सीटें हैं- जयनगर, दमदम, बारासात, बशीरहाट, डायमंड हार्बर, मथुरापुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर और जाधवपुर। इन सीटों के लिए भाजपा और TMC पूरा जोर लगा रही है।