हिमाचल प्रदेश: कांगड़ा और मंडी सीट पर कांग्रेस के बागी विधायकों को उतार सकती है भाजपा
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में 6 विधायकों के बागी रुख के बावजूद कांग्रेस सत्ता में बनी हुई है। हालांकि, लगता है कि भाजपा इस गुटबाजी का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करने में जुटी है।
खबरें है कि भाजपा कांग्रेस के बागी विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है।
बता दें कि हिमाचल की मंडी और कांगड़ा सीट से अब तक भाजपा ने अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं, जबकि शिमला और हमीरपुर सीट से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
सीट
भाजपा की क्या रणनीति है?
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भाजपा कांग्रेस के बागियों को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। ऐसी अटकलें हैं कि सुधीर शर्मा को कांगड़ा से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि एक और कांग्रेस विधायक जल्द ही बगावत कर सकता है, जिससे हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक स्थिति बिगड़ सकती है। इस विधायक को मंडी सीट से उतारा जा सकता है।
भाजपा बदलती परिस्थितियों और कांग्रेस पार्टी में असंतोष पर नजर रखे हुए है।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही भाजपा
दरअसल, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के बागी नेताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा। बागी विधायक और भाजपा इसी फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के उन्हें अयोग्यता ठहराने के फैसले को चुनौती दी है।
अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोग्य विधायकों के पक्ष में आया तो कांग्रेस सरकार खतरे में आ सकती है।
सीट
हिमाचल में 2019 का प्रदर्शन दोहराना चाहती है भाजपा
भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह हिमाचल में क्लीन स्वीप सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर रही है।
कई ओपिनियन पोल में यहां भाजपा को चारों सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है।
भाजपा ने कांगड़ा में 2009, 2014 और 2019 में लगातार 3 बार जीत हासिल की है, वहीं मंडी सीट कांग्रेस का गढ़ रही है।
पार्टी ने इस बार शिमला से सुरेश कश्यप और हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को उतारा है।
कांगड़ा सीट
कांगड़ा सीट से किन नामों की चर्चा?
रिपोर्ट के अनुसार, कांगड़ा से किशन कपूर और राकेश पठानिया सहित प्रमुख भाजपा नेताओं के नाम चर्चा में हैं, लेकिन अयोग्य ठहराए गए धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा को टिकट मिलने की संभावना अधिक है।
दूसरी तरफ मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि, 2019 में भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा ने जीत दर्ज की थी।
मंडी सीट
मंडी सीट पर क्या स्थिति?
प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह की मां-बेटे की जोड़ी ने 'सौतेला' व्यवहार करने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से खुलेआम नाराजगी जाहिर की है।
मंडी सीट पर कांग्रेस की संभावनाएं दोनों ही नेताओं के मूड पर निर्भर करेगी। विक्रमादित्य सिंह अपने हिंदुत्व प्रेम के लिए जाने जाते हैं।
भाजपा प्रतिभा और विक्रमादित्य की नाराजगी को भुनाने में जुटी हुई है और यदि वह ऐसा करने में सफल रही तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है।