
भाजपा को मिल सकती है पहली महिला अध्यक्ष, ये 3 नाम चर्चा में
क्या है खबर?
देश और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश जोर-शोर से चल रही है। इस बीच चर्चा है कि भाजपा पहली बार पार्टी प्रमुख की कुर्सी पर किसी महिला को बैठा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी इसके लिए राजी हो गया है। इंडिया टुडे के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता विचार-विमर्श में लगे हुए हैं और शीर्ष पद के लिए कई प्रमुख महिला राजनेताओं पर विचार किया जा रहा है।
राजनीति
ये 3 नाम चर्चा में
रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सांसद डी पुरंदेश्वरी और वनाथी श्रीनिवासन का नाम सबसे आगे चल रहा है। सीतारमण पार्टी की पहली पसंद हैं, जिनकी हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष के साथ पार्टी मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक हई थी। सूत्र बता रहे हैं कि उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
मजबूत
किस महिला नेता को कितना अनुभव?
भाजपा सीतारमण, पुरंदेश्वरी और श्रीनिवासन में किसी को अध्यक्ष बनाती है, तो उससे दक्षिण में फायदा मिलने की संभावना है। सीतारमण कर्नाटक, पुरंदेश्वरी आंध्र और वनथी तमिलनाडु से हैं। सीतारमण वरिष्ठ नेता हैं और रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। उनकी पार्टी संगठन में उनकी गहरी पैठ है। दग्गुबती पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश भाजपा की पूर्व अध्यक्ष हैं। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु और फ्रेंच बोल सकती हैं। वह चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। वनथी श्रीनिवासन भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं।
कारण
भाजपा महिला अध्यक्ष की ओर क्यों देख रही है?
हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने महिला मतदाताओं को काफी प्रभावित किया है, जिससे पार्टी को फायदा हुआ है। इसके अलावा 2029 के लोकसभा और इसके बाद के राज्य विधानसभा चुनावों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण भी लागू किया जाना है। ऐसे में भाजपा इतिहास में पहली बार महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष को नियुक्त कर लाभ लेना चाहती है। RSS ने भी महिला नेतृत्व के प्रतीकात्मक और रणनीतिक लाभों को देखते देते हुए नियुक्ति का समर्थन किया है।
अध्यक्ष
जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया गया
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2020 में पदभार संभाला था। इनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया था। इसके बाद फिर इन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया और अब नए अध्यक्ष के लिए विचार-विमर्श तेज हो गया है। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी लगातार तो नहीं, लेकिन सबसे अधिक समय तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।