नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड संसद में विश्वास मत हारे, इस्तीफा दिया
क्या है खबर?
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने इस्तीफा दे दिया है। वे आज (12 जुलाई) को संसद में विश्वास मत हार गए हैं।
बता दें कि हाल ही में उनके गठबंधन सहयोगी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से ही प्रचंड की सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था।
प्रचंड 19 महीने तक नेपाल के प्रधानमंत्री पद पर रहे।
मतदान
बहुमत के लिए 138 वोट जरूरी, प्रचंड को मिले 63
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, विश्वास मत में 275 में से सिर्फ 63 सांसदों ने प्रचंड के समर्थन में वोट किया, जबकि 194 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया और एक सांसद मतदान से अनुपस्थित रहा।
बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 138 सांसदों का समर्थन जरूरी है।
हालांकि, ये पहले से तय माना जा रहा था कि प्रचंड विश्वास मत हार जाएंगे, क्योंकि हर तरह की जोड़-तोड़ के बाद भी आंकड़े उनके पक्ष में नहीं थे।
अगला प्रधानमंत्री
ओली बन सकते हैं प्रधानमंत्री
नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी CPN-UML के नेता केपी शर्मा ओली अब अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। विश्वास मत में सरकार गिरने के बाद सांसदों ने 'ओली-ओली' के नारे लगाए।
सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास फिलहाल 89 सीट हैं, जबकि CPN-UML के पास 78 सीट हैं। बहुमत के आंकड़े (138) के मुकाबले दोनों पार्टियों के पास 167 सांसदों का समर्थन हैं।
ऐसे में ओली का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है।
विश्वास मत
4 बार विश्वास मत जीत चुके थे प्रचंड
25 दिसंबर, 2022 को प्रचंड नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। वे तब से ही लगातार अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे और 4 बार विश्वास मत का सामना कर चुके थे।
चारों मौकों पर उनको जीत मिली, लेकिन 5वीं बार उन्हें कुर्सी छोड़ी पड़ी है। बता दें कि नेपाल में बीते 16 साल में 13 सरकार बन चुकी हैं। अब नई सरकार को गठन के 30 दिन बाद बहुमत साबित करना होगा।
सीटें
नेपाली संसद में किसके पास कितनी सीटें?
नेपाल की 275 सदस्यीय संसद में नेपाली कांग्रेस के पास 89, CPN-UML के पास 78, प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के पास 32, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के पास 14, राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी के पास 20, जनता समाजवादी पार्टी के पास 12, जनमत पार्टी के पास 6, यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के पास 10, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के पास 4 और अन्य के पास 10 सीटें हैं।
32 सीटें होने के बावजूद प्रचंड प्रधानमंत्री बने हुए थे।