#NewsBytesExplainer: कौन हैं केपी शर्मा ओली, उनके प्रधानमंत्री बनने से भारत-नेपाल संबंधों पर कैसा असर पड़ेगा?
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर सरकार बदलने जा रही है।
12 जुलाई को हुए विश्वास मत को पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की सरकार हार गई है और उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब केपी शर्मा ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का प्रस्ताव भी पेश कर दिया है।
आइए जानते हैं ओली कौन हैं।
ओली
कौन हैं ओली?
ओली का जन्म 1952 में पूर्वी नेपाल में हुआ था। बचपन में ही मां का निधन होने के बाद उनकी परवरिश दादी ने की।
पढ़ाई अधूरी छोड़ वे मात्र 12 साल की उम्र में राजनीति में आ गए। वे मार्क्स और लेनिन के दर्शन से प्रभावित थे और 1966 तक कम्युनिस्ट राजनीति में सक्रिय हो गए।
जमींदारों और किसानों के बीच हुए झापा संघर्ष में भी ओली ने हिस्सा लिया।
जेल
14 साल जेल में रहे ओली
लोकतंत्र आंदोलन और गणतंत्र राज्य के लिए प्रयास में शामिल होने के कारण ओली को पहली बार सार्वजनिक अपराध अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
1973 में ओली को विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में गिरफ्तार किया गया और 14 वर्षों के लिए जेल में रखा गया। इसी दौरान ओली ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPN-ML) का गठन किया।
शाही परिवार से क्षमा मिलने के बाद 1987 में उन्हें रिहा कर दिया गया।
लोकप्रियता
1990 के दशक में लोकप्रिय हुए ओली
1990 के दशक में ओली ने लोकतांत्रिक आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लोकप्रिय हुए।
1991 में CPN (ML) और CPN (M) को मिलाकर कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPN-UML) की स्थापना की गई और ओली इसके नेता बने। इसी साल वे संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा के सदस्य चुने गए।
2006 से 2007 तक वे प्रधानमंत्री जीपी कोइराला के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में उपप्रधान मंत्री और विदेश मंत्री रहे।
प्रधानमंत्री
ओली जब पहली बार बने प्रधानमंत्री
2015 में ओली 597 में से 338 वोट जीतकर पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए। हालांकि, जुलाई 2016 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी-केंद्र) द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद ओली विश्वास मत हार गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
ओली 2018 में प्रचंड के साथ गठबंधन सरकार में फिर प्रधानमंत्री बने। हालांकि, ये गठबंधन भी ज्यादा नहीं चला और 2021 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और भारी उथल-पुछल के बाद ओली को पद छोड़ना पड़ा।
भारत के प्रति रुख
बतौर प्रधानमंत्री भारत के प्रति कैसा रहा ओली का रुख?
बतौर प्रधानमंत्री ओली ने भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाया है।
नेपाल में 2015 में नया संविधान लागू हुआ, इसके खिलाफ वहां उग्र प्रदर्शन हुआ था। ओली ने इस विरोध के पीछे भारत का हाथ बताया।
उन्होंने चीन के साथ संबंधों को भी मजबूत किया और नेपाल के नक्शे में भारतीय विवादित क्षेत्रों को शामिल कर संबंधों में तनाव पैदा करने की कोशिश की। उन्हें खुले तौर पर चीन का समर्थक माना जाता है।
असर
ओली के प्रधानमंत्री बनने से भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत के प्रति ओली के पहले के रुख को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि उनके प्रधानमंत्री बनने से भारत-नेपाल संबंधों पर असर पड़ सकता है।
ओली के कार्यकाल के दौरान ही नेपाल सरकार ने नया नक्शा जारी किया था, जिस पर खूब विवाद हुआ था।
हालांकि, सरकार में शामिल नेपाली कांग्रेस के भारत से अच्छे संबंध हैं। ऐसे में संबंधों में बहुत बड़े बदलाव की संभावना कम मानी जा रही है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत और नेपाल करीब 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
सीमा संधि के तहत, उत्तराखंड की महाकाली नदी के पश्चिम में स्थित पूरा हिस्सा भारत का है, वहीं पूर्व का हिस्सा नेपाल में आता है। दोनों देशों में नदी की स्थिति को लेकर विवाद है और भारत इलाके में पड़ने वाले कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता है।
वहीं, नेपाल इन तीनों को अपना क्षेत्र बताता है।