अशोक गहलोत ने 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार' के बयान पर मांगी माफी, जानें पूरा मामला
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'न्यायपालिका में भ्रष्टाचार' को लेकर दिए गए एक बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच से लिखित में माफी मांगते हुए कहा कि जो कुछ भी उन्होंने कहा था, वो उनके विचार नहीं थे। गहलोत के खिलाफ एक स्थानीय वकील शिव चरण गुप्ता ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को गहलोत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
हाई कोर्ट 7 नवंबर को कर सकता है माफी पर फैसला
इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायमूर्ति मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की बेंच ने गहलोत को निर्देश दिया कि वह अपनी बिना शर्त माफी को हलफनामे के जरिए रिकॉर्ड पर रखें, ताकि इस पर आगे विचार किया जा सके। हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि ये मामला गंभीर है। इस मामले पर 7 नवंबर को अगली सुनवाई होगी और तब कोर्ट फैसला लेगा कि गहलोत की माफी स्वीकार करनी है या नहीं।
याचिका में गहलोत पर क्या आरोप लगाया गया है?
हाई कोर्ट जिस जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रहा है, उसमें गहलोत पर न्यायपालिका की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। याचिका में वकील ने कोर्ट से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया था। मामले पर विवाद बढ़ता देख गहलोत ने 31 अगस्त को सोशल मीडिया एक्स पर स्पष्टीकरण भी दिया था।
गहलोत ने दिया था स्पष्टीकरण
गहलोत ने क्या कहा था?
30 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "आज जो बताइये इतना भ्रष्टाचार हो रहा है न्यायपालिका के अंदर। इतना भयानक भ्रष्टाचार है। मैंने सुना है कई वकील लोग तो जजमेंट लिख के ले जाते हैं और फिर वही जजमेंट आता है। क्या हो रहा है न्यायपालिका के अंदर? चाहे निचला हो, चाहे ऊपर हो, हालात बड़े गंभीर हैं।"
गहलोत के बयान पर वकीलों ने जताई थी आपत्ति
राजस्थान के मुख्यमंत्री के बयान पर वकीलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रणजीत जोशी और हाई कोर्ट वकील संघ के अध्यक्ष रवि भंसाली ने संयुक्त बयान जारी कर मुख्यमंत्री के बयान की निंदा की थी। संघ ने कहा था कि गहलोत ने सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ऐसा बयान दिया है। बयान के विरोध में वकीलों ने हाई कोर्ट और अन्य कोर्ट में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल भी की थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
कोर्ट के खिलाफ इस मामले के साथ-साथ गहलोत अपने मंत्रियों के खिलाफ गंभीर मामलों को लेकर भी घिरे हुए हैं। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान सरकार में नंबर 2 और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के आवास पर छापा मारा। ये कार्रवाई राज्य में 'मिड डे मील' योजना में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई। गहलोत लंबे समय से केंद्र सरकार पर चुनाव के वक्त जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते आए हैं।