हरियाणा: ये सीटें बदल सकती थी सियासी समीकरण, बहुत कम रहा वोटों का अंतर
क्या है खबर?
हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित हो चुके हैं और भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है।
गुरुवार को हुई मतगणना में कई सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कई सीटों पर विजयी उम्मीदवार की जीत का फैसला आखिरी दौर में जाकर हुआ।
हरियाणा में 25 सीटें ऐसी रही हैं, जिन पर हार-जीत का अंतर 5,000 से कम रहा है। इनमें से 10 ऐसी हैं, जहां यह अंतर 2,000 से कम रहा है।
सबसे कम अंतर
सिरसा में 602 वोटों से जीते गोपाल कांडा
हरियाणा में सबसे कम अंतर से गोपाल कांडा जीते हैं। उन्होंने सिरसा सीट से अपने विरोधी उम्मीदवार को महज 602 वोटों से हराया है।
पुन्हाना में यह अंतर 812, थानेसर में 842, रतिया में 1,216, कैथल में 1,246, रेवाड़ी में 1,317, यमुनानगर में 1,405, कालका में 1,544, मुलाना में 1,688, असंध में 1,703, नीलोखेड़ी में 2,222, रादौर में 2,541, बड़खल में 2,545, राई में 2,662, रोहतक में 2,735 और हथिन में 2,887 वोट रहा।
जानकारी
इन सीटों पर 3-5 हजार के बीच रहा अंतर
इनके अलावा फरीदाबाद NIT में विजयी और दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवार के वोटों का अंतर 3,242, फतेहाबाद में 3,300, होडल में 3,387, सफीदों में 3,658, बरवाला में 3,908, नूंह में 4,038, गोहाना में 4,152, गुहला में 4,574, बरौड़ा में 4,840 रहा।
नतीजे
इन 25 सीटों में भाजपा और कांग्रेस ने जीती 8-8
वोटों के इस अंतर को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर कुछ वोट इधर से उधर होते तो आज सियासी समीकरण कुछ और होते।
उदाहरण के लिए इन 25 सीटों में से आठ भाजपा के खाते में गई। इन सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही।
वहीं आठ ही सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस को जीत मिली और दूसरे नंबर पर भाजपा रही।
अंतिम परिणाणों में भाजपा को 40 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं।
समर्थन
JJP के समर्थन से सरकार बनाएगी भाजपा
90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में कोई भी पार्टी बहुमत के आकंड़े तक नहीं पहुंची थी।
40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार गठन करने जा रही है।
10 सीटें जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) ने भाजपा को समर्थन दिया है। इसके बदले उसे उप मुख्यमंत्री का पद मिला है।
भाजपा शनिवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। खट्टर का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनना तय है।