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जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ मार्च से पहले 3 पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला।

जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ मार्च से पहले 3 पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद

Jan 01, 2022
02:38 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) की ओर से निकाले जाने वाले मार्च को रोकने के लिए प्रशासन ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को शनिवार को नजरबंद कर दिया। इनमें नेशनल कांग्रेस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, उपाध्यक्ष और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल है। प्रशासन के इस कदम की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है।

प्रकरण

PAGD ने किया था परिसीमन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियों को लेकर गत दिनों परिसीमन आयोग की बैठक हुई थी। इसमें आयोग ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। इससे जम्मू में सीटों की संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो सकती है। PAGD ने आयोग के इस प्रस्ताव का विरोध किया था और इकको लेकर शनिवार को श्रीनगर में मार्च निकालते हुए प्रदर्शन करने की बात कही थी।

कदम

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीन मुख्यमंत्रियों को किया नजरबंद

NDTV के अनुसार, PAGD के प्रस्तावित प्रदर्शन को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार सुबह ही श्रीनगर में उच्च सुरक्षा क्षेत्र वाले गुपकर रोड पर रहने वाले तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के आवास को सील करते हुए नजरबंद कर दिया। इसके अलावा PAGD के कई अन्य नेताओं को भी नजरबंद किया है। ऐसे में तीनों पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य नेता विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए नहीं पहुंच सके।

प्रतिक्रिया

"कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं"

नजबंदी को लेकर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'सुप्रभात और 2022 का स्वागत। उसी जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक नए साल की शुरुआत जो अवैध रूप से लोगों को नजरबंद कर रही है और प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से डरा हुआ है।' उन्होंने लिखा, 'गुपकर गठबंधन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने हमारे घरों के दरवाजों के बाहर ट्रक खड़े किए हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।'

बयान

उमर अब्दुल्ला ने साधा नेताओं पर निशाना

उमर अब्दुल्ला ने लिखा, 'अराजक पुलिस राज्य में पुलिस ने मेरे पिता और बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।'

अन्य

CPM ने भी साधा प्रशासन पर निशाना

तीन मुख्यमंत्रियों की नजबंदी पर CPM ने भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर निशाना साधा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के वरिष्ठ नेता एवं गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा, "यह दुखद है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन इतना डरा हुआ है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे पा रहा है। यही स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब लोगों को जनता के सामने अपनी राय रखने की भी अनुमति नहीं होती है।"

प्रदर्शन

कुछ जगहों पर लोगों ने किया प्रदर्शन

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की नजरबंदी के बाद भी श्रीनगर में कई जगहों पर नेशनल कांफ्रेंस और PDP के समर्थकों ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कई पूर्व विधायकों सहित पार्टी समर्थकों ने अपने नेताओं की नजरबंदी और परिसीमन की कवायद के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने कहा कि आयोग का प्रस्तावित सीट आवंटन एक व्यक्ति एक वोट के वयस्क मताधिकार के खिलाफ जाता है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें प्रदर्शन का वीडियो