सबरीमाला मंदिर विवाद: कोच्चि पहुंची तृप्ति देसाई का भारी विरोध, एयरपोर्ट पर ही करना पड़ा नाश्ता
मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश के लिए आवाज बुलंद करने वाली भूमाता रणरागिनी बिग्रेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए कोच्चि पहुंचने पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर हो रहे विरोध के कारण वो बाहर नहीं निकल सकीं। उन्हें एयरपोर्ट पर ही सुबह का नास्ता करना पड़ा। गौरतलब हो कि शुक्रवार को सबरीमाला मंदिर का गर्भगृह तीसरी बार खोला जाना है। तृप्ति भगवान अयप्पा का दर्शन करने वहां पहुंची हैं।
कोच्चि एयरपोर्ट पर सुबह का नाश्ता करती तृप्ति देसाई
हमारी लाश को पार कर जाना होगा- विरोध कर रहे लोग
तृप्ति देसाई का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि मंदिर तक जाने के लिए उन्हें हमारी लाशों को पार कर जाना होगा। कोच्चि पहुंची तृप्ति ने पुलिस से सबरीमाला मंदिर तक जाने के लिए मदद मांगी। लेकिन पुलिस की मदद के बाद भी कोई टैक्सी ड्राइवर तृप्ति को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। बता दें कि एयरपोर्ट से सबरीमाला मंदिर के बेसकैंप पंबा तक जाने के लिए टैक्सी लेनी पड़ती है।
भगवान अयप्पा के दर्शन किए बिना वापस नहीं लौटूंगी- तृप्ति देसाई
भारी विरोध के बाद भी तृप्ति एयरपोर्ट पर ही हैं। उनका कहना है कि वो भगवान अयप्पा का दर्शन किए बिना वापस नहीं जाएंगी। त़ृप्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विरोध करने वाले मेरे यहां आने से डर गए हैं और अब वो मुझे डरा रहे हैं। पुणे की सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई देश के वैसे पुराने मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश की लड़ाई लड़ रही हैं, जहां सालों से महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा है।
आज तीसरी बार खुलेगा सबरीमाला मंदिर का गर्भगृह
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज तीसरी बार सबरीमाला मंदिर का गर्भगृह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाम पांच बजे खोला जाना है। प्रशासन की ओर से निलक्कल, पंबा और सन्निधाम में धारा 144 लागू की गई है। शनि शिंगनापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर 400 साल पुरानी परंपरा को तोड़ चुकी तृप्ति अब सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश की लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन विरोध के कारण पुलिस उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दे रही है।
सर्वदलीय बैठक में नहीं हो सका कोई फैसला
सबरीमाला विवाद पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए गुरुवार को केरल में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक से कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने पर अड़े रहे। जिसपर विपक्षी दलों ने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया। वहीं मंदिर प्रशासन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहा है। ताकि इस फैसले को लागू करने में कुछ वक्त मिल सके।