स्किन केयर रुटीन में आयुर्वेदिक चीजों को करें शामिल, मिलेगा फायदा
लोग त्वचा को स्वस्थ और निखारने के लिए न जाने कितनी तरह के महंगे-महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इनका असर ज्यादा देर तक नहीं रहता है। इसका कारण है कि ऐसे प्रोडक्ट्स त्वचा को अंदरूनी रूप से पोषित नहीं कर पाते हैं। हाल ही में न्यूजबाइट्स ने जुवेना हर्बल्स की CEO मेधा सिंह से बातचीत है, जिन्होंने आयुर्वेदिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने की सलाह दी क्योंकि यह अंदरुनी रूप से त्वचा को लाभ पहुंचाते हैं।
अपनी त्वचा के pH स्तर को करें संतुलित
pH का मतलब 'पावर ऑफ हाइड्रोजन' होता है। pH स्तर यह बताता है कि किसी चीज में कितनी हाइड्रोजन है और वह चीज अम्लीय या क्षारीय किस प्रवृत्ति की है। आयुवर्दे के अनुसार, मानव त्वचा का pH स्तर 5 से कम होना चाहिए और इसे संतुलित करना जरूरी है। इसके लिए संतुलित खान-पान के साथ-साथ एलोवेरा जेल जैसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड आएगा काम
अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड (AHA) रासायनिक यौगिकों का एक समूह है, जो अधिक चीनी युक्त फलों से बनाए जाते हैं। मेधा के मुताबिक, "गन्ना और अंगूर AHA के प्रमुख उदाहरण हैं, जो हाइपरपीग्मेंटेशन और असमान त्वचा टोन का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।" उन्होंने आगे बताया कि ये एक्सफोलिएशन के लिए आदर्श हैं और त्वचा को पोषित करने में काफी मदद कर सकते हैं। इसलिए अपने स्किन केयर रुटीन में AHA युक्त प्रोडक्ट्स को जरूर शामिल करें।
बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड युक्त प्रोडक्ट्स का करें इस्तेमाल
बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड (BHA) तैलीय घुलनशील एसिड होते हैं, जो खट्टे या कड़वे फलों से निकाले जाते हैं। मेधा के अनुसार, "इनकी गैर-कॉमेडोजेनिक प्रकृति के कारण BHA ब्लैकहेड्स या व्हाइटहेड्स को बाहर निकालने और मुंहासों को ठीक करने में मदद कर सकता है।" ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला BHA सैलिसिलिक एसिड है।
प्रोबायोटिक्स युक्त चीजे लगाएं
प्रोबायोटिक्स बढ़ती उम्र के प्रभाव को धीमा करने, हाइपरपिग्मेंटेशन को ठीक करने और सनटैन से बचाने में मदद कर सकते हैं। बेहतर प्रोबायोटिक्स फल एंजाइमों से आते हैं। जैसे अनानास से ब्रोमेलैन, सेब से मैलिक, पपीते से पपैन और दही के प्रोबायोटिक्स आदि। ये त्वचा और शरीर को पोषित करने में बहुत मदद कर सकते हैं। इसलिए हफ्ते में कम से कम एक बार अपनी त्वचा पर प्रोबायोटिक्स युक्त चीजें लगाएं।
प्रीबायोटिक्स भी है जरूरी
प्रीबायोटिक्स स्वास्थ्यवर्धक चीजों के सेवन से मिल सकता है। मेधा के मुताबिक, "रोजाना कुछ न कुछ प्रीबायोटिक्स से युक्त चीजें खाएं और हफ्ते में एक दिन प्रीबायोटिक्स युक्त चीजें त्वचा पर लगाएं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आपकी त्वचा का माइक्रोबायोम स्वस्थ और संतुलित रहे।" प्रीबायोटिक्स में साग, जड़ी-बूटियां, सूखे मेवे और खाने वाले बीज शामिल हैं।