मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं ये योग हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से इंसुलिन में बदलाव होने लगता है। यह बदलाव मधुमेह का खतरा उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, योग हस्त मुद्राएं मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, हस्त मुद्राएं रक्त शर्करा का स्तर संतुलित करने में सहायक है। आइए जानते हैं कि कौन सी हस्त मुद्राएं मधुमेह के स्तर को नियंत्रित कर सकती हैं।
लिंग मुद्रा
लिंग मुद्रा के लिए पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें। अब दोनों हाथों को पेट के सामने लाकर हथेलियों को मिलाएं और उंगलियों को इंटरलॉक करें। इसके बाद अपने बाएं अंगूठे को दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली के बगल से ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि बायां अंगूठा ऊपर उठा हो और दायां अंगूठा और तर्जनी उंगली के साथ घिरा हो। इस मुद्रा में 15 मिनट तक बने रहें और सामान्य रुप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
सूर्य मुद्रा
सूर्य मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर हों। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को अनामिका (रिंग फिंगर) उंगलियों के ऊपर रखें। बाकि सभी उंगलियां सीधी रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकि उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
ज्ञान मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को अपने अंगूठे की नोक से मिलाएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।