वर्क फ्रॉम होम: बिस्तर पर बैठकर काम करने से हो सकती हैं ये समस्याएं
क्या है खबर?
लॉकडाउन की वजह से मिले वर्क फ्रॉम होम के दौरान कई लोग घंटों तक अपने लैपटॉप के साथ बिस्तर पर बैठे रहते हैं। ऐसे में गर्दन, आंख और कमर दर्द की समस्या आम है।
चिकित्सक विशेषज्ञों की मानें तो लैपटॉप पर काम करते हुए बिस्तर पर बैठना बिल्कुल भी उचित नहीं है, क्योंकि इससे शरीर की मांसपेशियों समेत रीढ़ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आइए जानें कि ऐसे काम करने से आपको किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
समस्या-1
हो सकती है स्लिप डिस्क की समस्या
बिस्तर पर बैठकर काम करने से स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है।
रीढ़ की हड्डियों को सहारा देने के लिए उसमें छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क होती है जो रीढ़ की हड्डी को लचीला रखती है। लेकिन जब यह डिस्क क्षतिग्रस्त हो जाती है तो वह टूट या फिर सूज जाती है, जिसे स्लिप डिस्क कहा जाता है।
इस समस्या से चलने फिरने में तकलीफ होने के साथ ही पैरों में दर्द या सुन्न होने की समस्या भी हो जाती है।
समस्या-2
गर्दन से संबंधित दर्दनाक समस्याएं
अगर आप घंटो तक बिस्तर पर बैठकर लैपटॉप से काम कर रहे हैं तो इस वजह से आपको गर्दन में दर्द और अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे में आपको एक ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए, जहां पर सीधे बैठ सकें और आपका लैपटॉप बिल्कुल आपकी आंखों के सामने हो।
साथ ही नियमित तौर पर नेक स्ट्रेचिंग करना सुनिश्चित करें, क्योंकि इससे गले का लचीलापन बना रहता है और आप गर्दन की आम समस्याओं से बच सकते हैं।
समस्या-3
ऐसा करने से आप हो सकते हैं अनिद्रा के शिकार
बिस्तर पर बैठकर काम करने से आप अनिद्रा के शिकार भी हो सकते हैं।
मनोवैज्ञानिक चार्लोट आर्मिटेज ने मैट्रो को एक इंटरव्यू में बताया था कि जब व्यक्ति बिस्तर पर बैठ कर काम करता है तब उसके दिमाग को काम और नींद के बीच में स्विच करना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए अपने ऑफिस के काम लिए एक ऐसी जगह का चुनें, जहां आप सही बैठ सकें। वहीं, सोने के लिए ही बिस्तर का इस्तेमाल करें।
बैठने की स्थिति
बिस्तर पर इस तरह से बैठकर लैपटॉप पर काम करना हो सकता है सुरक्षित
1) अगर आपको बिस्तर पर बैठकर काम करना आवश्यक है तो बिल्कुल सीधे बैठना सुनिश्चित करें।
2) लैपटॉप को इस तरह ऊंचा रखे, जिससे आपका सिर और लैपटॉप समानांतर हो और आपको अपनी गर्दन को झुकाना न पढ़े।
3) इसके बाद अपने पैरों को सीधा रखने की कोशिश करें या घुटनों को थोड़ा मोड़ भी सकते हैं।
4) साथ ही अपने लैपटॉप की स्क्रीन की ब्राइटनैस और कंट्रास्ट को सेट कर सकते हैं, इससे आपकी आंखें सुरक्षित रह सकती हैं।