सर्दियों में छोटे बच्चों की त्वचा का ध्यान रखने के लिए इन टिप्स का लें सहारा
ठंड के मौसम में चलने वाली ठंडी हवा छोटे बच्चों की त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए यह आपकी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि आप उनकी सेहत के साथ-साथ उनकी त्वचा का भी खास ख्याल रखें। इसके लिए अगर आप कुछ छोटे-छोटे तरीके अपनाते हैं तो आप बेहद आसानी से छोटे बच्चे की त्वचा का ख्याल रख सकते हैं। चलिए फिर आज हम इसी विषय के बारे में जानते हैं।
अच्छी गुणवत्ता वाले हो बेबी प्रोडक्ट्स
जब बात बच्चों की त्वचा की देखरेख करने की हो तो उसके लिए आपका अतिरिक्त सतर्क होना बेहद आवश्यक है। उदाहरण के लिए जब आप छोटे बच्चे के लिए कोई स्किन केयर बेबी प्रोडक्ट खरीदें तो उसकी गुणवत्ता का खास ध्यान रखें क्योंकि बाजार में उपलब्ध अधिकांश स्किन केयर बेबी प्रोडक्ट रसायनों से भरे होते हैं जो एक बच्चे की नाजुक त्वचा पर कठोर हो सकते हैं। इसलिए आप ऐसे स्किन केयर बेबी प्रोडक्ट चुनें, जिनमें नेचुरल इंग्रीडिएंट हों।
नियमित तौर पर करें तेल मालिश
सर्दियों में छोटे बच्चों की त्वचा का ध्यान रखने का एक आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है क्योंकि तेल मालिश करने से न सिर्फ बच्चों के रक्त परिसंचरण (blood circulation) को बढ़ावा मिलता है बल्कि इससे उनकी त्वचा में नमी भी बरकरार रहती है। इसलिए छोटे बच्चे की तेल मालिश करने के लिए अपने व्यस्त दिनचर्या में से 20-25 मिनट जरूर निकालें। यह बच्चे की त्वचा को पोषित करेगा, साथ ही उनकी त्वचा को मिलायम भी बनाएगा।
हार्श केमिकल्स से बनाएं दूरी
छोटे बच्चे की त्वचा के लिए बेहतर होगा कि जब आप उसके लिए कोई भी प्रोडक्ट चुन रहे हों तो इस बात का खास ध्यान दें कि उसमें किसी भी तरह का कोई हार्श केमिकल शामिल न हो। याद रखें कि सुगंध और रसायन संवेदनशील बच्चे की त्वचा को न सिर्फ रूखा बनाते है, बल्कि जलन भी पैदा करते हैं। इसलिए बच्चों के लिए प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है।
ह्यूमिडिफायर का करें इस्तेमाल
बच्चों की त्वचा का ख्याल रखने के लिए ह्यूमिडिफायर (भांप छोड़ने वाला यंत्र) का इस्तेमाल करना एक अच्छा विचार हो सकता है। छोटे बच्चे की त्वचा पर ठंड की मार न पड़ें, इसके लिए उनके कमरे में कोई हीटिंग सिस्टम या पोर्टेबल हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे बच्चे की त्वचा भी रूखी नहीं होती है। इसलिए छोटे बच्चे के कमरे में एक ह्यूमिडिफायर जरूर लगएं ताकि उसके आस-पास नमी का स्तर बेहतर तरीके से बना रहे।