सोशल मीडिया के इस्तेमाल से सुधरता है वयस्कों का मानसिक स्वास्थ्य: शोध
आम धारणा के विपरीत सोशल मीडिया और इंटरनेट का उपयोग नियमित रूप से वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और अवसाद एवं चिंता जैसे गंभीर मनोवैज्ञानिक संकट को दूर करने में मदद करता है। ऐसा एक अध्ययन से ख़ुलासा हुआ है। दरअसल, अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, संचार प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म रिश्तों को बनाए रखने और स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं।
इस मामले में अभी तक ज्यादा शोध नहीं हुए
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर केथ हैंपटन के अनुसार, अभी तक वयस्कों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर ज़्यादा शोध नहीं किए गए हैं।
सोशल मीडिया के इस्तेमाल से कम होता है अवसाद और चिंता
बता दें कि शोधकर्ताओं ने अपने शोध में 13,000 वयस्कों को शामिल किया और उनके रिश्तों के आँकड़ों का विश्लेषण किया। 2015 और 2016 के आँकड़ों का इस्तेमाल करते हुए शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं में एक वर्ष से दूसरे वर्ष तक गंभीर मनोवैज्ञानिक संकट जैसे अवसाद और चिंता अनुभव करने का आँकड़ा 63% तक कम है। यानी सोशल मीडिया के इस्तेमाल से अवसाद और चिंता कम होती है।
पुरानी अवधारणा को चुनौती देता है अध्ययन
सोशल मीडिया के चलन के बाद से लोगों का आपस में जुड़ाव हुआ है, जिससे मानसिक संकट कम हुआ है। पहले यह धारणा थी कि सोशल मीडिया, मोबाइल टेक्नोलॉजी और इंटरनेट मानसिक स्वास्थ्य को संकट में डालते हैं, जबकि जर्नल ऑफ कंप्यूटर में प्रकाशित यह अध्ययन पुरानी अवधारणा को चुनौती देता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं, उनमें मनोवैज्ञानिक संकट से बचने की संभावना 1.63 गुना ज़्यादा है।
सोशल मीडिया से आसान होता है रिश्तों को संभालना
हैंपटन कहते हैं, "कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफ़ॉर्म की मदद से रिश्तों को संभालना आसान होता है। साथ ही इनकी वजह से स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियाँ भी जुटाई जा सकती हैं।"