विश्व रक्तदाता दिवस: रक्तदान करना क्यों ज़रूरी है, जानिए इसके फ़ायदे
पूरी दुनिया में 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी जगह-जगह ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाते हैं। आज भी कई लोग भ्रम के शिकार हैं कि रक्तदान करने से कमज़ोरी आती है, जबकि इससे कई फ़ायदे होते हैं। आइए जानें इसके फ़ायदे।
कौन कर सकता है रक्तदान?
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 68 वर्ष के बीच हो और उसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो, वह रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति के ख़ून में हीमोग्लोबिन 12% से अधिक होना चाहिए।
रक्तदान करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
कई लोगों को रक्तदान करने से घबराहट, बेचैनी और कमज़ोरी महसूस होती है। रक्तदान करने से पहले अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो व्यक्ति को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। रक्तदान से तीन घंटे पहले पौष्टिक खाना खाएँ। रक्तदान के बाद कुछ खाना बहुत ही ज़रूरी होता है। इसके अलावा रक्तदान से 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करें। रक्तदान से पहले अपने रक्त की जाँच ज़रूर करवाएँ।
वजन कम करे और दिल की बीमारियों से बचाव
शोध के अनुसार, 450 मिली लीटर रक्तदान करने से 650 कैलोरी कम करने में मदद मिलती है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो नियमित रक्तदान करें। रक्तदान करने से आयरन की मात्रा नियंत्रित रहती है, जिससे दिल की बीमारियों का ख़तरा कम होता है। दरअसल, आयरन की मात्रा अधिक होने से शरीर में ऑक्सीडेटिव की क्षति हो सकती है, जिससे दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है।
मानसिक शांति और शरीर को मिलती है ऊर्जा
रक्तदान करने से आपको अंदर से अच्छा लगता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। साथ ही रक्तदान से शरीर में ऊर्जा आती है, क्योंकि रक्तदान के बाद शरीर में नई मांसपेशियाँ बनती हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है।
कम होता है हेमोक्रोमैटोसिस और हार्ट अटैक का ख़तरा
हेमोक्रोमैटोसिस एक ऐसी अवस्था है, जिसमें शरीर ज़रूरत से ज़्यादा आयरन अवशोषित कर लेता है। ऐसे में रक्तदान करके इससे बचा जा सकता है। हालाँकि, रक्तदान से पहले डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि कितनी मात्रा में रक्तदान करना है, पता चल सके। रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावनाएँ भी कम होती है, क्योंकि इससे ख़ून का थक्का नहीं जमता है। इसके साथ ही इससे ख़ून पतला हो जाता है और कई अन्य शारीरिक समस्याओं से बचाव होता है।
स्वस्थ रहे लीवर और कैंसर से बचाव
रक्तदान करने से लीवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। दरअसल, शरीर में ज़्यादा आयरन की मात्रा लीवर पर दबाव डालती है, लेकिन रक्तदान करने से आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। अगर आप कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो नियमित रक्तदान करें। नियमित रक्तदान करने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे कैंसर का ख़तरा काफ़ी हद तक कम हो जाता है।