काम का दबाव बन सकता है हृदय से जुड़ी इन बीमारियों का कारण
आमतौर पर हृदय की बीमारियों का कारण अनियमित जीवनशैली और खान-पान माना जाता हैं, लेकिन इनके अलावा कामकाज का बढ़ता दबाव भी हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बन सकता है। दरअसल, काम के बढ़ते दबाव के कारण लोगों में तनाव जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जो आगे चलकर हृदय की बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। आइए जानते हैं कि काम के दबाव के कारण कौन-कौन सी हृदय की बीमारियां हो सकती हैं।
हार्ट अटैक
कामकाज के अधिक दबाव की वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहती है। कुछ अध्ययनों की मानें तो काम के अधिक दबाव के कारण लोगों का अपनी दिनचर्या और खान-पान पर ध्यान नहीं जाता है, जिसके कारण उन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं घेर सकती हैं। ये समस्याएं हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं, इसलिए भूल से भी काम के अधिक दबाव को अपनी दिनचर्या और खान-पान पर हावी न होने दें।
हार्ट फेलियर
काम के अधिक दबाव के कारण लोग चिंता, तनाव और एंग्जायटी जैसी गंभीर मानसिक समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं। इन समस्याओं के कारण व्यक्ति को आगे चलकर हृदय से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसे लोगों में हार्ट फेलियर का खतरा स्वस्थ लोगों की तुलना में काफी ज्यादा होता है। इसलिए अगर आपको कभी लगता है कि आप ऐसी किसी मानसिक समस्या का शिकार हो रहे हैं तो उससे उभरने की कोशिश करें।
हृदय की मांसपेशियों का कमजोर होना
काम के दबाव के कारण हृदय की मांसपेशियां भी प्रभावित होने लगती है। अगर आपको बार-बार सीने में जलन, दर्द या भारीपन जैसी परेशानी महसूस हो तो इसे गैस समझकर नजरअंदाज न करें। सीने में ऐसी परेशानियां महसूस होना हृदय रोगों के होने का सबसे सामान्य संकेत और लक्षण है। वैसे ज्यादातर ऐसी परेशानियां हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने का संकेत देती हैं, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और इसके बारे में डॉक्टर को बताएं।
ब्लड प्रेशर
हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कामकाज के दबाव के साथ जीने वाले लोगों में आम है। ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित रहना एक गंभीर समस्या है क्योंकि इसके कारण डायबिटीज, स्ट्रोक, किडनी फेल और दिल की बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए इसे नियंत्रित करना जरूरी है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो इसके सही इलाज को प्राथमिकता दें।