यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल हुआ भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य का नाम, जानिए खासियत
क्या है खबर?
इतिहास और सैन्य कौशल में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है। दरअसल, पेरिस में यूनेस्को की 47वीं बैठक के दौरान भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य का नाम विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर लिया गया है। यह सम्मान 1600 और 1800 के दशक के बीच मराठा शासकों द्वारा बनाए गए अद्वितीय किलों और सैन्य प्रणालियों की सराहना के लिहाज से अहम है। आइए मराठा सैन्य परिदृश्य के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ट्विटर पोस्ट
देखिए यूनेस्को का पोस्ट
🔴 BREAKING!
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) July 11, 2025
New inscription on the @UNESCO #WorldHeritage List: Maratha Military Landscapes of India, #India 🇮🇳.
➡️ https://t.co/seTyyVu3sT #47WHC pic.twitter.com/mEpa6RWLRx
किले
मराठा साम्राज्य के 12 किले हैं शामिल
आपको जानकर खुशी होगी कि मराठा सैन्य परिदृश्य यह मान्यता प्राप्त करने वाली भारत की 44वीं संपत्ति बन गई है। इस परिदृश्य में मराठा साम्राज्य के कुल 12 किले शामिल हैं। इनमें से 11 महाराष्ट्र में स्थित हैं, जो साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग हैं। इनके साथ ही तमिलनाडु का भी एक किला शामिल है, जिसका नाम जिंजी है। ये सभी किले छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाए थे।
संरक्षण
कौन करता है इन किलों का संरक्षण?
विविध भौगोलिक क्षेत्रों में फैले ये किले मराठा शासन की अद्भुत सैन्य शक्तियों की अमर कहानी कहते हैं। पदानुक्रम में भिन्न किलों का यह समूह भारतीय प्रायद्वीप में पश्चिमी घाट, कोंकण तट, दक्कन पठार और पूर्वी घाटों में स्थित है। शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित हैं। वहीं, साल्हेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला और प्रतापगढ़ महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय द्वारा संरक्षित हैं।
विवरण
सभी किले अपने भौगोलिक परिदृश्य के अनुसार हैं विभाजित
सलहेर, शिवनेरी, लोहागढ़, रायगढ़, राजगढ़ और जिंजी किले पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं। यही कारण है कि इन्हें पहाड़ी किले कहा जाता है। इसके विपरीत, प्रतापगढ़ घने जंगलों में बसा हुआ है, जिस कारण उसे पहाड़ी-वन किले के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। वहीं, पठारी पहाड़ी पर स्थित पन्हाला एक पहाड़ी-पठार किला है। तटरेखा के किनारे स्थित विजयदुर्ग एक तटीय किला है, जबकि समुद्र से घिरे खंडेरी, सुवर्णदुर्ग और सिंधुदुर्ग द्वीपीय किलों के रूप में जाने जाते हैं।
फैसला
18 महीनों तक बैठक करने के बाद हुआ यह फैसला
मराठा सैन्य परिदृश्य को यह मान्यता देने का प्रस्ताव विश्व धरोहर समिति को जनवरी 2024 में भेजा गया था। 18 महीने तक सलाहकार निकायों के साथ कई बैठकों और किलों की समीक्षा के बाद यूनेस्को ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फैसले पर खुशी जताई है और देशवासियों को बधाई दी है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर उन्होंने कहा, "हर भारतीय इस मान्यता से प्रसन्न है।"
जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कही यह बात
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मराठा साम्राज्य सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण से जुड़ा है। उन्होंने आगे कहा, "महान मराठा शासक किसी भी अन्याय के आगे न झुकने के अपने साहस से देशवासियों को प्रेरित करते हैं।"