
क्या उद्धव और ठाकरे में होने वाली है सुलह? INDIA गठबंधन में शामिल होने की चर्चा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अलग-अलग लड़ने वाले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे निगम चुनाव के नजदीक आते ही सुलह के पक्ष में दिख रहे हैं।
राज्य में दोनों भाईयों के बीच बातचीत शुरू होने की बात चल रही है। INDIA गठबंधन में शामिल सहयोगी राज को अपने साथ लाने के लिए जोर दे रहे हैं।
उद्धव ने पिछले दिनों ऐसी किसी खबरों का खंडन नहीं किया है, जिससे चर्चा को मजबूती मिली है।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
गठबंधन
कैसे शुरू हुई सुलह की चर्चा?
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे के भतीजे शौनक पांतकर की शादी मुंबई के बांद्रा ताज लैंड्स एंड में आयोजित की गई थी।
इस दौरान राज ठाकरे भी आमंत्रित थे, जिन्होंने रश्मि और उनकी मां से मुलाकात की थी।
हालांकि, इस दौरान राज और उद्धव की सीधी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन मीडिया में कयास लगाए जाने लगे।
इसके बाद राज ने भी मार्च 2025 में महाराष्ट्र के हित के लिए मतभेद भुलाने की बात कही थी।
बयान
उद्धव और राज ठाकरे का क्या कहना है?
उद्धव ने पिछले दिनों ऐसी खबरों का कोई खंडन नहीं किया, बल्कि कहा कि महाराष्ट्र के लोग जो चाहेंगे, वही होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम नहीं है और जल्द ही अच्छी खबर साझा की जाएगी।
वहीं, राज के बेटे अमित ठाकरे ने कहा कि गठबंधन मीडिया में बयान देने से नहीं होता, बल्कि एक-दूसरे के मोबाइल नंबर रखने से होता है, जिससे पर वे बात कर सकते हैं।
गठबंधन
उद्धव के गठबंधन सहयोगियों का क्या कहना है?
महाराष्ट्र में उद्धव की शिवसेना के साथ महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SCP) का चर्चा पर बयान आया है।
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि वे बालासाहेब की विशाल विरासत का हिस्सा हैं और अगर वे साथ आएंगे तो MVA मजबूत होगी।
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि अगर राज भाजपा के खिलाफ और संविधान की रक्षा के लिए आगे आते हैं तो विचार हो सकता है।
विवाद
क्या है दोनों भाईयों के बीच झगड़ा?
राज शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के भतीजे हैं। एक वक्त में राज की शिवसेना में नंबर 2 की हैसियत थी।
माना जाता था कि आगे चलकर राज ही पार्टी की कमान संभालेंगे। हालांकि, बालासाहेब ने उद्धव को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया, जिसके बाद नाराज होकर राज ने 27 नवंबर, 2005 को शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था।
उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई। उसके बाद से दोनों भाइयों के बीच का टकराव सार्वजनिक हो गया।