#NewsBytesExplainer: ताजमहल में पिछले 89 सालों से बंद 22 कमरों का क्या है रहस्य?
क्या है खबर?
भारत हमेशा लोककथाओं और रहस्य में डूबी भूमि के रूप में जाना जाता रहा है।
ऐसी कई कहानियां और संस्कृतियां हैं, जो प्राचीन देवताओं और संतों के इर्द-गिर्द घूमती हैं और आज तक भारत की उपाधि के अनुरूप हैं।
आगरा में स्थित ताजमहल भी खुद में कई राज छिपाए हुए है। ताजमहल के 22 कमरे आज तक बंद हैं और वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है।
आइए जानते हैं कि इतिहासकारों ने इसे लेकर क्या-क्या तर्क दिए हैं।
इतिहास
क्या है ताजमहल का इतिहास?
भारत के 5वें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1526 से 1761 तक भारत में मुगल साम्राज्य पर राज किया था।
इसी बीच उन्होंने 1631 में यमुना नदी के किनारे अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाना शुरू किया, जो 1653 में बनकर तैयार हुआ।
लाल और सफेद संगमरमर से बना ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में एक है। यह मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना होने के कारण लोगों का ध्यान अपनी ओर खिंचता है।
मंदिर
क्या ताजमहल एक हिंदू मंदिर है?
भारत में हिंदू और मुस्लिम समुदायों की बीच लंबे समय से उनकी परंपराओं और संस्कृतियों के महत्व को लेकर विवाद चलता आ रहा है।
ताजमहल भी इन समुदायों के विवादों से घिरा रहता है और पिछले साल इसकी असली जड़ों को खोजने के लिए कानून न्याय प्रणाली का सहारा लिया गया।
याचिकाकर्ताओं के समूह का कहना था कि ताजमहल एक हिंदू मंदिर है और इसके बंद कमरों में शिवलिंग सहित कई भगवान की प्रतिमाएं मौजूद हैं।
विवाद
ताजमहल के बंद कमरों को लेकर हुआ था विवाद
ताजमहल के बंद कमरों को खोलने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने याचिका दायर की थी।
उनका कहना था कि इतिहासविद् राजकिशोर राजे के मुताबिक, ताजमहल में मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे बने सभी 22 कमरे मुगल काल से बंद हैं और उनमें शिवलिंग सहित कई भगवानों के प्रतिमाएं होने की संभावना है।
हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था।
किताब
'ट्रू स्टोरी आफ ताज' नामक किताब रही विवाद की वजह
यह विवाद इतिहासकार पीएन ओक की किताब 'ट्रू स्टोरी आफ ताज' के बाद शुरू हुआ था।
दरअसल, पीएन ने अपनी किताब में ताजमहल के शिव मंदिर होने के संबंध में कई दावे किए थे।
उन्होंने किताब में राजा जय सिंह के फरमानों का जिक्र करने के साथ स्थापत्य कला का भी उदाहरण दिया था।
इसके अलावा, किताब में ताजमहल में गणेश, कमल के फूल और सर्प की कई आकृतियां दिखाई देने का भी जिक्र किया गया है।
कमरे
ताजमहल के 22 बंद कमरों का राज क्या है?
ताजमहल के चमेली फर्श के नीचे मौजूद 22 कमरे 89 सालों से बंद है, जिन्हें आखिरी बार साल 1934 में खोला गया था।
इतिहासकारों के अनुसार, इन कमरों को ताजमहल के बेसमेंट को खराब होने से बचाने के लिए बंद किया हुआ है।
दरअसल, ये कमरे सफेद मार्बल से बने हैं और अगर यहां कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वो कैल्शियम कार्बोंनेट में बदलकर कमरों को खराब कर सकती है।
मिथक
ताजमहल को लेकर हैं कई मिथक और कहानियां
ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां यमुना नदी के दूसरे किनारे पर काले रंग का ताजमहल भी बनाने वाले थे और यह भी माना जाता है कि ताजमहल को एक यूरोपीय वास्तुकार ने बनाया था।
कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि स्मारक किसी महिला के लिए नहीं बनाया गया क्योंकि भारतीय मुस्लिम समाज में महिलाओं का दर्जा कम था।
यह भी कहा जाता है कि ताजमहल के बन जाने के बाद शाहजहां ने कारीगारों के हाथ कटवा दिए थे।
दावे
क्या इन दावों में है सच्चाई?
अतीत में भी ताजमहल को लेकर ऐसे कई दावे किए जा चुके हैं, लेकिन उनमें से कोई भी सबूत के साथ नहीं था। ऐसे में उन्हें सही साबित नहीं किया जा सकता है।
इसके विपरीत इस बात के प्रमाण हैं कि निर्माण में शामिल कई लोगों का उस समय काफी सम्मान हुआ था और उन्हें शाही संरक्षण प्राप्त था।
उस समय के रिकॉर्ड में 37 वास्तुकारों की सूची है, जिन्होंने ताजमहल पर काम किया था।