त्वचा संबंधित समस्या है हाइपर-पिगमेंटेशन, विशेषज्ञों से जानिए इससे बचाव के उपाय
हाइपर-पिगमेंटेशन त्वचा की समस्याओं में से एक है, जो लंबे समय तक धूप में रहने या हार्मोनल परिवर्तन के कारण होती है। इसके अतिरिक्त, इसका कारण कुछ चिकित्सक स्थिति भी हो सकती हैं। इससे त्वचा के रंग में एक प्रकार की असमानता दिखनी शुरू हो जाती है, जिससे त्वचा का रंग कभी हल्का तो कभी गहरा हो जाता है। आइए आज हाइपर-पिगमेंटेशन से बचाव के लिए विशेषज्ञों की सलाह जानते हैं।
हाइपर-पिग्मेंटेशन का इलाज है संभव- डॉ अकांक्षा
डॉ अकांक्षा सक्सेना ने बताया कि हाइपर-पिग्मेंटेशन त्वचा में अतिरिक्त मेलेनिन जमा होने की प्रक्रिया है, जिससे त्वचा काली पड़ जाती है। यह एक ऐसी समस्या है, जो सूर्य का संपर्क में अधिक रहने, हार्मोनल असंतुलन, प्री-डायबिटीज और दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण हो सकती है। हालांकि, इसका इलाज संभव है जैसे कि हाइपरिन्सुलिनमिया, एंटी-ऑक्सिडेंट के सबडर्मल इंजेक्शन और मेलेनिन को कम करने के लिए लेजर थेरेपी आदि।
त्वचा को धूप से रखें सुरक्षित
हाइपर-पिग्मेंटेशन का मुख्य कारण धूप में अधिक समय तक रहना हो सकता है, इसलिए इस समस्या से बचने का तरीका है। त्वचा विशेषज्ञ डॉ नवनीत हारोर का सुझाव है, "चाहे मौसम कोई भी हो, घर से बाहर निकलने से 10 मिनट पहले अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि हमेशा 30+ SPF सनस्क्रीन या इससे युक्त स्किन केयर उत्पादों का इस्तेमाल करें, ताकि आपकी त्वचा हाइपर-पिग्मेंटेशन समेत सनबर्न और अन्य दाग-धब्बों से सुरक्षित रहे।
विशेषज्ञों ने दी हाइपर-पिग्मेंटेशन से बचाव की सलाह
डॉ हारोर ने बताया कि महिलाओं को अपने थायरायड के स्तर की निगरानी रखनी चाहिए और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) की जांच करवानी चाहिए क्योंकि इन समस्याओं की दवाओं का लंबे समय तक सेवन भी हाइपर-पिग्मेंटेशन का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, त्वचा विशेषज्ञ डॉ प्रीति शेनाई ने सलाह दी, "थायरायड और PCOS की स्थितियां अत्यधिक वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं, जिससे गर्दन और अंडरआर्म्स के आस-पास हाइपरपिग्मेंटेशन हो सकता है।"
हाइपर-पिग्मेंटेशन से बचने के लिए खाएं ये खाद्य पदार्थ
डॉ शेनाई ने सुझाव दिया कि हाइपर-पिग्मेंटेशन से बचे रहने के लिए उच्च ग्लाइसेमिक आहार का सेवन न करें और चीनी और जंक फूड के सेवन से दूरी बनाएं। बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में विटामिन-C से भरपूर फल को शामिल करें क्योंकि ये मेलेनिन उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, विटामिन-E से भरपूर खाद्य पदार्थ एंटी-ऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करके त्वचा को फोटो-हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं, जो पिग्मेंटेशन का कारण बनते हैं।
विशेषज्ञ के मुताबिक इन चीजों का करें कम इस्तेमाल
डॉ शोनाई ने बताया, "यह एक गलत धारणा है कि त्वचा को रगड़ने से हाइपर-पिग्मेंटेशन कम हो जाता है। वास्तव में स्किन केयर रूटीन के दौरान अत्यधिक स्क्रबिंग करने से समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।" इसके अतिरिक्त, परफ्यूम, हेयर डाई और सौंदर्या उत्पादों में मौजूद केमिकल्स भी हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण बन सकते हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल को कम करें। वहीं, प्रजनन आयु की महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने से बचना चाहिए क्योंकि इससे मेलास्मा हो सकता है।