ठोड़ी के अनचाहे बालों को कम करने के लिए डाइट में शामिल करें ये खाद्य पदार्थ
क्या है खबर?
PCOD और हार्मोनल बदलावों के कारण कई महिलाओं की ठोड़ी पर बाल निकलने लगते हैं। ये बाल छोटे या बड़े, दोनों आकार के हो सकते हैं।
इन्हें हटाने के लिए रियमित शेविंग या वैक्सिंग करवाने की जरूरत पड़ती है, जो बेहद परेशान करने वाला होता है।
ऐसे में अगर आप अपने ठोड़ी के बालों का निकलना कम या बंद करना चाहती हैं तो अपनी डाइट में बदलाव लाएं। इन 5 खाद्य पदार्थों के सावन से यह समस्या कम हो जाएगी।
#1
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, इन्हें खान-पान में शामिल करने से आप ठोड़ी के बालों के विकास को भी कम कर सकते हैं।
इसके लिए डाइट में पालक, पत्तागोभी, केल, बथुआ और मेथी आदि जैसी सब्जियों से बने व्यंजन शामिल करें। इनकी मदद से आपका लिवर डिटॉक्स हो जाएगा और हार्मोनल संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, ये सब्जियां आपको फाइबर भी पहुंचाएंगी।
#2
मुलेठी
मुलेठी एक प्रकार की जड़ी बूटी होती है, जिसके सेवन से गले की खराश दूर हो जाती है। इस सूखी लकड़ी को चबाने से ठोड़ी पर निकलने वाले बाल भी कम होने लग जाते हैं।
मुलेठी में प्राकृतिक एंटी-एंड्रोजेनिक गुण होते हैं, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
यह पुरुषों के शरीर में पाया जाने वाला होर्मोन होता है, जो अगर महिलाओं के शरीर में बढ़ जाए तो अनचाहे बाल निकलने लगते हैं।
#3
पुदीने वाली चाय
जिन महिलाओं की ठोड़ी पर बाल निकलते हैं, उन्हें रोजाना पुदीने वाली चाय का सेवन करना चाहिए। इस हर्बल चाय के जरिए टेस्टोस्ट्रोन का स्तर कम हो जाता है और अनचाहे बालों का विकास भी बंद होने लगता है।
प्रतिदिन इसके 1-2 कप पीने से एण्ड्रोजन को कम करने में मदद मिल सकती है और धीरे-धीरे बालों का विकास कम हो सकता है।
इसे बनाने के लिए पुदीने की पत्तियों को पानी में उबालें और आनंद लेकर पिएं।
#4
सूखे मेवे और बीज
सूखे मेवे कई पोषक तत्व पहुंचाकर शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि, काफी कम लोग जाते हैं की मेवों और बीजों को रोजाना की डाइट में शामिल करने से ठोड़ी और अन्य अंगों में उगने वाले बालों का विकास कम होता है।
काजू, बादाम, किशमिश, सूरजमुखी के बीज और कद्दू के बीजों में स्वस्थ वसा मौजूद होती है।
ये हार्मोन विनियमन का समर्थन करने और अत्यधिक एण्ड्रोजन उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं।
#5
तुलसी
तुलसी अपने हार्मोन-संतुलन गुणों के लिए जानी जाती है। यह तनाव से संबंधित कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो एण्ड्रोजन उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
आप तुलसी की पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते हैं या इसे कच्चा भी चबा सकते हैं।
अगर आप चाहें तो तुलसी का काढ़ा भी पी सकते हैं या उसे पीसकर व्यंजनों में भी शामिल कर सकते हैं।