स्वतंत्रता दिवस: जानिए 15 अगस्त से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
आज देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले लाल किले पर तिरंगा फहराया और पहली बार वायुसेना के दो Mi-17 हेलिकॉप्टरों ने पुष्पवर्षा की। वैसे जहां एक ओर हर भारतीय के लिए ये दिन खास है, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे लोग हैं जो इस दिन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जानते ही नहीं हैं। आइए आज हम आपको ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताते हैं।
आखिर लाल किले पर ही क्यों फरहाया जाता है तिरंगा?
15 अगस्त, 1947 को तिरंगा फहराने के लिए देश की दो जगहों में से एक का चयन करना था। पहली रायसीना हिल्स (जहां राष्ट्रपति भवन है) और दूसरा लाल किला। रायसीना हिल्स को तिरंगा फहराने के लिए उपयुक्त नहीं माना गया क्योंकि वहां लॉर्ड माउंटबेटन रह रहे थे। इसलिए लाल किले पर उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था और तब से अब तक यही सिलसिला कायम है।
18 जुलाई को पास हुआ था इंडियन इंडिपेंडेंस बिल
यकीनन इस बात से बहुत से लोग अनजान होंगे। दरअसल, आजादी की घोषणा के बाद ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में 4 जुलाई, 1947 को इंडियन इंडिपेंडेंस बिल को पेश किया गया। इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान को अलग मुल्क बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। यह बिल 18 जुलाई, 1947 को पारित हुए और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त, 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी की घोषणा की गई।
1950 तक नहीं था राष्ट्रगान
कई लोग इस से भी बेखबर होंगे कि 1950 तक हमारे पास राष्ट्रगान नहीं था। आज जिन अल्फाजों को देश के गौरव के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, उनको 1950 में पहली बार इस्तेमाल किया गया था। यह 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में लिखे गए गीत 'जन गन मन' का हिंदी स्वरूप है। अब इन्हीं अल्फाजों को देश की हर कामयाबी के जश्न पर राष्ट्रीय गान के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
आजादी से पहले 26 जनवरी को बनाया जाता था 'स्वतंत्रता दिवस'
शायद यह भी बहुत से लोगों को मालूम नहीं है कि 1929 में कांग्रेस के लाहौर सेशन ने पूर्ण स्वराज का डिक्लेरेशन किया और तब 26 जनवरी, 1930 को स्वतंत्रता दिवस माना गया। 1930 से 1946 तक 26 जनवरी को ही कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसके बाद 1947 में ये बदलकर 15 अगस्त किया गया और संविधान लागू होने के बाद 1950 से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।