सर्दियों में स्वस्थ रखने में मददगार हैं ये पांच योगासन, वीडियो देखकर करें अभ्यास
अक्सर सर्दी के मौसम में लोग कई सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी-जुकाम, शरीर में अकड़न आदि के शिकार हो जाते हैं। हालांकि, इन बीमारियों से निजात पाने के लिए कई लोग तरह-तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं। इसके बावजूद भी कई बार ये बीमारियां ठीक होने का नाम ही नहीं लेती। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताएंगे, जिनका अभ्यास कर आप ठंड से होने वाली बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए जानें।
सुखासन
सुखासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं, फिर अपने शरीर को सीधा व तान लें, जिससे की आपका शरीर व कमर बिल्कुल सीधी रहे। इसके बाद अपने दोनों हाथों की उंगुलियों को खोलकर घुटनों पर रखें। अब सामान्य रूप से प्राणायाम करते हुए, जितनी देर तक इस आसन की अवस्था में बैठ सकते हैं, उतनी देर तक बैठें। ध्यान रखें कि इस आसान के दौरान अपने मन को शांत व तनाव मुक्त रखना है।
अधोमुखश्वानासन
अधोमुखश्वानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले टेबलटॉप स्थिति में आ जाएं, फिर अपने पिछले हिस्सों को इस तरह उठाएं कि फर्श की तरफ से आपका शरीर V स्थिति में दिखाई दे। इसके बाद अपने सिर और गर्दन को आराम दें और अपनी अंदर की जांघों को पीछे की ओर खींचें। इस अवस्था में कुछ मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे आसन को छोड़े। अधोमुखश्वानासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत व गैस की समस्या दूर होती है।
बालासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं व अपने माथे को जमीन पर लगा लें। अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखकर अपनी जांघो से अपनी छाती पर दबाव डालें। दो-चार मिनट इस अवस्था में बने रहें व धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से सिर के हिस्से में रक्त परिसंचरण बढ़ता है व जोड़ों के दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
ताड़ासन
ताड़ासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाइए, फिर अपने हाथों को जितना ऊंचा हो सके उतना ऊंचा उठाएं। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें व खिंचाव को पैर की उंगलियों से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें। इस स्थिति में कुछ समय रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़े। इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरों में मजबूती, पिंडलियां सख्त और पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
त्रिकोणासन
इस आसन का अभ्यास करने के लिए अपने दोनों पैरों को एक दूसरे से जितना दूर हो सके उतना करें, फिर सीधे हो जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कन्धों की सीध में फैलाएं और धीरे-धीरे हाथों को एक तरफ झुकाएं। फिर उसी तरफ पैर के अंगूठे को हाथ की उंगलियों से छूने की कोशिश करें। गर्दन को भी उसी हाथ की ओर झुकाएं। इस मुद्रा में 2-3 मिनट रहें। यही प्रक्रिया दूसरे हाथ की तरफ से भी दोहराएं।