महाराष्ट्र: ऐतिहासिक धरोहरों का शहर माना जाता है औरंगाबाद, जानिए यहां के मशहूर पर्यटन स्थल
महाराष्ट्र में स्थित औरंगाबाद एक बेहद सुंदर शहर है, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस शहर का नाम मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर रखा गया है और यहां कई महत्वपूर्ण स्मारक स्थित हैं। अजंता और एलोरा की गुफाएं, बीबी का मकबरा, दौलताबाद किला आदि यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या कला-संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो औरंगाबाद आकर यहां के 5 मशहूर पर्यटन स्थल जरूर देखें।
अजंता की गुफाएं
अजंता की गुफाएं विश्व धरोहर स्थल हैं, जो अपनी चित्रकारी और मूर्तिकला के लिए मशहूर हैं। ये गुफाएं दूसरी से छठी शताब्दी के बीच बनाई गई थी। यहां बुद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी देखने को मिलती है। इन गुफाओं में कुल 30 गुफाएं शामिल हैं, जिनमें से कुछ विहार (मठ) और कुछ चैत्य (स्तूप) रूप में बनाई गई हैं। अगर आप प्राचीन भारतीय कला को देखना चाहते हैं, तो अजंता की यात्रा अवश्य करें।
एलोरा की गुफाएं
एलोरा की गुफाएं विश्व धरोहर स्थल में शामिल हैं, जो अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए मशहूर हैं। ये गुफाएं हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों से संबंधित मंदिरों का समूह हैं, जिन्हें बनाने के लिए चट्टानों को काटा गया था। इनमें कैलाश मंदिर सबसे मशहूर है, जिसे एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी नक्काशी बेहद खूबसूरत है। एलोरा की यात्रा आपको भारतीय कला के विविध रूपों से परिचित कराएगी।
बीबी का मकबरा
बीबी का मकबरा मुगल स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे दक्कन का ताजमहल भी कहा जाता है। इसे मुगल सम्राट औरंगजेब ने अपनी पत्नी दिलरस बानो बेगम की याद में बनवाया था। इस मकबरे की संरचना ताजमहल जैसी ही दिखती है, लेकिन इसका आकार थोड़ा छोटा है। यहां संगमरमर पर की गई नक्काशी देखने लायक है, जो उस समय के कारीगरों की कुशलता को दर्शाती है। यह स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए बहुत आकर्षक है।
दौलताबाद किला
दौलताबाद किला एक प्राचीन दुर्गम किला है, जिसे पहले देवगिरि कहा जाता था। यह किला पहाड़ी पर स्थित होने के कारण रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस किले में कई सुरंगे, दरवाजे, बुर्ज आदि मौजूद हैं, जो उसकी सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाते हैं। इसके अलावा, यहां चांद मीनार भी स्थित है, जो इस क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। यहां की वास्तुकला और इतिहास प्रेमियों के लिए बहुत रोचक है।
पाणचक्की
पाणचक्की एक पुरानी जल ऊर्जा प्रणाली थी, जिसका उपयोग पानी वाली चक्कियों को चलाने के लिए किया जाता था। इसे हजरत बाबा शाह मुसाफिर द्वारा बनवाया गया था। यह प्रणाली पहाड़ी झरनों से पानी लाकर उसे भूमिगत सुरंगों द्वारा चक्कियों तक पहुंचाती थी। आप आज भी इस प्रणाली को काम करते हुए देख सकते हैं। औरंगाबाद अपने ऐतिहासिक स्थलों, सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य, स्थानीय खान-पान व हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।