पुरी रथयात्रा में शामिल होने जा रहे हैं? वहां जाकर जरूर करें ये 5 अन्य चीजें
ओडिशा के पुरी में हर साल रथयात्रा का आयोजन होता है, जो श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। इस साल यह उत्सव 7 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। यह भारत में होने वाली सबसे भव्य यात्रा है, जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। इस मोहत्सव में भगवान की मूर्तियों को मंदिर से निकालकर 3 रथों पर रखा जाता है, जिन्हें देखने लाखों लोग जमा होते हैं। आप रथयात्रा के अलावा पुरी में ये गतिविधियां कर सकते हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान के दर्शन करें
पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है। आपको इस शहर में आकर इस भव्य मंदिर में भगवान के दर्शन जरूर करने चाहिए। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मन्दिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा की खूबसूरत मूर्तियां लगाई गई हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी या हवाई जहाज नहीं उड़ पाता है।
खूबसूरत समुद्र तट देखें
अगर आप पुरी में अध्यात्म से अलग अनुधाव चाहते हैं तो आप यहां के खूबसूरत समुद्र तट भी देख सकते हैं। यहां का गोल्डन बीच नर्म रेत और मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। इसके अलावा पुरी स्थित स्वर्गद्वार बीच अपने जीवंत वातावरण और बाजार के लिए जाना जाता है। बालीघाई समुद्र तट पुरी के सबसे स्वच्छ और शांत समुद्र तटों में से एक है। आप ओडिशा के इन 5 पर्यटन स्थलों का भी रुख कर सकते हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर में करें भगवान की आराधना
आप पुरी की यात्रा पर सूर्य देव को समर्पित कोणार्क सूर्य मंदिर देखने जा सकते हैं। यह भी एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है, जहां भक्तों का ताता लगा रहता है। यह मंदिर पुरी शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर कोणार्क नामक समुद्र तट पर स्थित है, जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। रथ के आकार के पहियों और मनोरम मूर्तियों से सुसज्जित यह मंदिर ओडिशा की समृद्ध कलात्मक विरासत की झलक पेश करता है।
रघुराजपुर शिल्प गांव की संस्कृति देखें
ओडिशा राज्य का शिल्प गांव रघुराजपुर पुरी से 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान ग्रामीणों द्वारा विकसित सुंदर शिल्प चित्रकलाओं के लिए बेहद प्रसिद्ध है। इस गांव में करीब 100 घर हैं और सभी परिवार पेशे से कलाकार हैं। आप यहां कारीगरों को आश्चर्यजनक पट्टचित्र पेंटिंग बनाते देख सकते हैं, जो ओडिशा की एक पारंपरिक कला है। साथ ही आप स्वर्गद्वार बाजार में जाकर सुंदर कलाकृतियों और हस्तनिर्मित कपड़ों आदि को खरीद सकते हैं।
स्थानीय व्यंजनों का लुफ्त उठाएं
आप पुरी में आकर ओडिसा के पारंपरिक व्यंजनों का लुफ्त उठाना न भूलें। आप यहां की मशहूर घुघनी और दही बड़ा आलू दम खाकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। इसके अलावा पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान को 56 भोग चढ़ाया जाता है और उसे महाप्रसाद कहा जाता है। आप यहां आकर महाप्रसाद भी खा सकते हैं। आप अपनी पुरी की यात्रा के दौरान ये अन्य पर्यटन स्थल भी देख सकते हैं।