पशुपालन के दौरान धूल के संपर्क में आने से बिगड़ सकता है आंत का स्वास्थ्य- अध्ययन
क्या है खबर?
भारत में लगभग 2.05 करोड़ लोग पशुपालन करते हैं। इसमें भोजन और अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिए पशुओं को पालना शामिल होता है। अब वैज्ञानिकों ने एक नया अध्ययन किया है, जिसके जरिए पशुपालन के नकारात्मक प्रभाव उजागर हुए हैं। दरअसल, इस अध्ययन से सामने आया है कि पशुओं के आस-पास मौजूद धूल के संपर्क में आने से आंत के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। आइए इस शोध को विस्तार से समझते हैं।
अध्ययन
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में किया गया यह अध्ययन
यह अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में किया गया था और UCR स्कूल ऑफ मेडिसिन में बायोमेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर डेक्लन मैककोल ने इसका नेतृत्व किया था। इसे जर्नल ऑफ एप्लाइड टॉक्सिकोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया था। अध्ययन में पाया गया है कि बैल, सुअर या गाय पालते समय उनके आस-पास मौजूद धूल के सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से लोगों की आंत के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है।
रोग
सुअर के आस-पास मौजूद धूल से होती हैं ये समस्याएं
यह अध्ययन उन पुराने शोध को आगे बढ़ाता है, जिनमें कहा गया था कि सुअर के शरीर की धूल वायुमार्ग में सूजन पैदा करती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस धूल के शरीर में प्रवेश करने से आंत के माइक्रोबायोम में बदलाव आता है और आंतों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसके कारण 'लीकी गट' नामक समस्या होती है, जो कई तरह की पुरानी बीमारियों से जुड़ी है। इसमें आतों में सूजन, सीलिएक रोग और टाइप 1 मधुमेह शामिल हैं।
प्रक्रिया
चूहों पर किया गया था परीक्षण
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए चूहों को 3 हफ्तों तक हॉग डस्ट के संपर्क में रखा। यह कार्बनिक और अकार्बनिक कणों का एक मिश्रण होता है, जो सुअर पालने वाली जगहों पर पाया जाता है। चूहों के शरीर में अक्करमेन्सिया म्यूसिनीफिला, क्लोस्ट्रीडियम ASF356 और लैक्नोस्पाइरेसी जैसे लाभकारी जीवाणु उल्लेखनीय रूप से कम हो गए थे। चूहों की आंत में जरूरी यौगिकों के स्तर में भी कमी देखी गई, जो ऊर्जा बढ़ाने और प्रतिरक्षा मजबूत करने में भूमिका निभाते हैं।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
पशुपालन के दौरान जो धूल-मिट्टी जानवरों के आस-पास मौजूद होती है, उसमें बैक्टीरिया और एंडोटॉक्सिन का उच्च स्तर होता है। इसके कारण चूहों के वायुमार्ग में सूजन आई और रक्तप्रवाह में आंत बैक्टीरिया का अवशोषण बढ़ गया। डेक्लन ने कहा, "कृषि धूल में अधिक मात्रा में सूक्ष्म कण और प्रतिरोधी बैक्टीरिया होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं।" निष्कर्ष दर्शाते हैं कि सांस के द्वारा अंदर लिए गए प्रदूषकों के कारण पेट का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।